अप्रैल से शुरू होकर लगातार आठ महीने से थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (WPI) दहाई अंक में बनी हुई है। इस साल अक्टूबर में महंगाई दर 12.54 फीसदी थी। सितंबर में यह 10.6% थी। जबकि नवंबर 2020 में यह 2.29 फीसदी थी। अब थोक मूल्य आधारित महंगाई (WPI) नवंबर में एक दशक के उच्च स्तर 14.23 फीसदी पर पहुंच गई। खनिज तेल, धातु, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ने से थोक महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
किस चीज की कितनी बढ़ी महंगाई
- नवंबर में खाने-पीने की चीजों की महंगाई अक्टूबर महीने के 3.06% से बढ़कर 6.70% पर आ गई है।
- मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर अक्टूबर महीने के 11.92% से बढ़कर 12.04% आ गई है।
- फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई अक्टूबर के 37.18 % से बढ़कर 39.81% पर पहुंच गई है।
- नवंबर में खाने के तेल की थोक महंगाई दर अक्टूबर के 32.57% से घटकर 23.16% पर आ गई है।
- अंडे, मांस की थोक महंगाई 1.98% से बढ़कर 9.66% पर आ गई है।
- प्याज की थोक महंगाई -25.01% से घटकर -30.14% पर आ गई है।
- आलू की थोक महंगाई -51.32% से बढ़कर -49.54% पर आ गई है।
- सब्जियों की थोक महंगाई अक्टूबर के 18.49% से बढ़कर 3.91% पर आ गई है।
- दूध की थोक महंगाई अक्टूबर के 1.68% से बढ़कर 1.81% पर आ गई है।