RBI गवर्नर ने 2021-22 में देश की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी वृद्धि दर 10.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2020 में हमारे धैर्य की परीक्षा हुई और 2021 में नए आर्थिक युग का निर्माण हो रहा है. रेपो रेट के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ये वो रेट है जिस पर बाकी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं. जब बैंक इस लोन पर आरबीआई को जिस दर पर ब्याज चुकाते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है.
मीडिया के अनुसार, बजट का ऐलान होने के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी नई क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया. शक्तिकांत जी के अनुसार रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर रखने की घोषणा की है. इसके साथ ही मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि देश की आर्थिक विकास की संभावनाओं में काफी सुधार हुआ है और महंगाई दर 6 फीसदी के नीचे आई है. महंगाई दर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 4 फीसदी के बैंड के नीचे लौट चुकी है. शक्तिकांत दास ने कहा, ‘’सब्जियों के दाम निकट भविष्य में कम रहने की उम्मीद है. 2020-21 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति संशोधित किया गया है, इसके 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है. मौद्रिक नीति के अनुरूप नकदी प्रबंधन को लेकर रुख उदार बना हुआ है.’’ उन्होंने कहा, ‘’सरकार आरबीआई के लिये मुद्रास्फीति के लक्ष्य की समीक्षा मार्च 2021 तक करेगी. मुद्रास्फीति के लक्ष्य की व्यवस्था ने अच्छा काम किया है.’’
उन्होंने कहा ये भी कहा कि, ‘’रिजर्व बैंक सुनिश्चित करेगा कि सरकार का बाजार से उधार जुटाने का कार्यक्रम बिना व्यवधान के आगे बढ़े. साथ ही रिजर्व बैंक ने धीरे-धीरे 27 मार्च 2021 तक बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात को 3.5 प्रतिशत पर वापस लाने का निर्णय लिया है.’’ दास ने बताया कि नकद आरक्षित अनुपात को क्रमिक तौर पर 27 मई 2021 तक वापस चार फीसदी पर लाया जाएगा. वहीं साल 2021-22 के लिए 10.5 प्रतिशक की दर से अर्थव्यव्सथा के विकास का अनुमान लगाया है.