भारत ने ओडिशा तट के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप (APJ Abdul Kalam Island) से सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 (Agni-5) का सफल परीक्षण किया। अग्नि-5 बहुत उच्च सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह सफल लांच भारत की “विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता” की नीति के अनुरूप है जो ‘No First Use’ की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) द्वारा निर्मित मिसाइल का यह सफल परीक्षण पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के बीच हुआ। अग्नि 5 की लंबाई-17 मीटर और वजन- 50 मीटर है। यह बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है और एक साथ कई टारगेट्स पर निशाना साध सकती है। यह डेढ़ टन तक न्यूक्लियर वेपन अपने साथ ले जा सकती।
इस मिसाइल का पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में किया गया था जबकि पिछला परीक्षण लगभग तीन साल पहले किया गया था। यह एक इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है जो दुनिया के कुछ ही देशों के पास है। अग्नि-5, भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। भारत इस मिसाइल की क्षमता से लैस होने वाला विश्व का 8वां राष्ट्र है।