Home National Agnipath Scheme : केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना का विरोध क्यों ?

Agnipath Scheme : केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना का विरोध क्यों ?

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख द्वारा 14 जून 2022 को एक बड़ा ऐलान किया गया। जिस ऐलान को केंद्र सरकार ने अद्भुत ऐलान बताया। लेकिन सरकार के इस अद्भुत ऐलान का बिहार सहित देश के कई राज्यों में विरोध शुरू हुआ। यह विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे उग्र होता चला गया। युवाओं और छात्रों को सरकार का यह ऐलान नहीं भाया और विरोध करते हुए कई जगहों पर युवाओं और छात्रों द्वारा आगजनी और सरकारी सम्पति को क्षति पहुंचाने की खबर सामने आने लगी।

युवाओं और छात्रों द्वारा यह प्रदर्शन उग्र होता देख केंद्र द्वारा अग्निवीरों के लिए कई तरह के प्रलोभनों का भी ऐलान किया जाने लगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि सरकार की नज़र में जो योजना अद्भुत है वो योजना छात्रों और युवाओं के लिए विरोध का कारण क्यों बन गया है ? तो सबसे पहले आपको बता दें कि अग्निपथ योजना है क्या ? अग्निपथ योजना सरकार की वह महत्वकांक्षी योजना है जिसमें 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवाओं को 4 साल के लिए अग्निवीर के तौर पर तीनों सेनाओं में भर्ती किया जायेगा।

इस दौरान उन्हें अच्छी सैलरी के साथ कई तरह की सुविधा भी दी जाएगी। और फिर 4 सालों के बाद इन अग्निवीरों को रिटायरमेन्ट दे दिया जायेगा। और इसके साथ 11 लाख की राशि भी प्रदान की जाएगी। और अगर इन 4 सालों के अंदर कोई अग्निवीर शहीद हो जाता है तो उनके परिजनों को 44 लाख रुपये सरकार द्वारा दी जाएगी। इन 44 लाख रुपयों के अलावा सरकार ऐसे शहीदों के बचे हुए सेवाकाल (अधिकतम 4 साल) के वेतन का भुगतान भी करेगी। और अगर कोई अग्निवीर सेवाकाल के दौरान दिव्यांग हो जाता है तो उसे भी सहायता राशि दी जाएगी।

चलिए अब बात करते हैं कि युवाओं और छात्रों द्वारा इसका विरोध पुरे देश में क्यों हो रहा है ?

चार साल के लिए सेना में नियुक्ति की इस योजना को लेकर देश के युवा नाराज़ हैं और सड़कों पर उतर आए हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में युवाओं ने रेलगाड़ियों को आग के हवाले किया और कई जगहों पर रेलवे के दफ्तरों में तोड़फोड़ की। क्योंकि युवाओं और छात्रों का कहना है कि जो छात्र सालों से भारतीय सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे हैं उनका सपना खतरे में हैं। जो 30-35 साल तक सेना में भर्ती हो कर देश की सुरक्षा में अपना जीवन यापन करना चाहते हैं उनके सपने का हनन है। और साथ ही उनके रोजगार का हनन है। जिसपे युवाओं का कहना है कि सरकार को इस विषय पर फिर से सोचना चाहिए। क्योंकि बस 4 साल की नौकरी से न उनका घर-परिवार चलेगा और भविष्य का सोचते हुए वे देश कि सेवा में अपना योगदान भी सही तरीके से नहीं दे पाएंगे।

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