DRDO ने Sukhoi 30 MK-I लड़ाकू विमान से सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos) के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया। यह लॉन्च ब्रह्मोस के विकास में एक प्रमुख मील का पत्थर है, जिसका लांच ओडिशा के चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया। यह देश के भीतर एयर-वर्जन ब्रह्मोस मिसाइलों के सीरियल प्रोडक्शन के लिए सिस्टम को मंजूरी देता है।
Air version of BrahMos supersonic cruise missile successfully test-fired from Sukhoi 30 MK-I https://t.co/ZhDVGdgGuJ pic.twitter.com/LFrhOICs0B
— DRDO (@DRDO_India) December 8, 2021
इस परीक्षण के दौरान, स्ट्रक्चरल इंटीग्रिटी और फंक्शनल परफॉरमेंस प्रूव हुए हैं। यह एयर डिफेंस सिस्टम 15 किलोमीटर की दूरी पर ही लक्ष्य को भेद सकता है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद भारतीय वायुसेना की शक्ति में और ज्यादा इजाफा होगा। यह मिसाइल पुरानी बराक-1 सरफेस टू एयर मिसाइल की जगह लेगी और हवा से आने वाले खतरों से 360 डिग्री की सुरक्षा देगी।
ब्रह्मोस DRDO और रूस के NPO Mashinostroyeniya के बीच एक संयुक्त भारत-रूस वेंचर है, जिसने मिलकर ब्रह्मोस एयरोस्पेस का गठन किया। मिसाइल का नाम दो नदियों, भारत में ब्रह्मपुत्र और रूस का मोस्कवा से लिया गया है। ये मिसाइल देश की सबसे आधुनिक और दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल मानी जाती है।