APJ-Abdul-kalam-Birth-anniversary

Dr. APJ Abdul Kalam को भारत में किसी रत्न से कम समझना उनका अनादर से काम नहीं होगा। अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam / Dr. APJ Abdul Kalam) को लोग मिसाइल मैन (Missile Man) के नाम से भी जानते हैं। भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रम को फौलादी ताकत प्रदान करने वाले देश के पूर्व 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज जयंती (APJ Kalam Birth Anniversary) है। कलाम साहब ने देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यभार को संभाला था। 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में जन्मे कलाम साहब का जीवन किसी के लिए भी प्रेरणा से कम नहीं रहा है। रेलवे स्टेशनों पर सुबह सुबह अख़बार भेजने से ले कर देश के राष्ट्रपति बने तक का उसका एक एक कदम हर किसी के जीवन के लिए प्रेरणा स्रोत है।

कलाम साहब ने अपने जीवन के 4 दशक DRDO और ISRO को समर्पित कर वहां एक साइंटिस्ट के रूप में बिताए। बेहद सहज और सरल व्यक्तित्व वाले मृदुभाषी कलाम की रहनुमाई में DRDO ने सबसे घातक और मारक हथियार प्रणालियों का देश में ही विकास किया। देश के युवाओं को देश की सच्ची पूंजी मानने वाले कलाम साहब ने अपने पुरे जीवन काल में बच्चों को हमेशा बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया था। आज इनके Birth Anniversary पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सहित देश के राष्ट्रपति तक ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

आज उनके Birth Anniversary पर उनके जीवन से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं-

15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम अंसार परिवार में इनका जन्म हुआ। था
अब्दुल कलाम के जीवन पर इनके पिता का बहुत प्रभाव रहा।
उड़ते हुए पक्षियों को देख कलाम साहब ने तय कर लिया कि उनको भविष्य में विमान विज्ञान में ही जाना है।
अपनी शुरूआती शिक्षा जारी रहे इसके लिए अब्दुल ललाम साहब ने अख़बार बेचने का काम भी किया था।
1950 में कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी (Madras Institute of Technology) से अंतरिक्ष विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिये भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया।
1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आये। जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं (satellite launch projects) में अपनी भूमिका निभाई।
भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3 के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई
कलाम साहब ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र (Indigenous Target Piercing Controlled Missile) को डिजाइन किया।
इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसे प्रक्षेपास्त्रों (Missile) को स्वदेशी तकनीक से बनाया था।
उन्हीं की देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।
27 जुलाई 2015 की शाम कलाम साहब भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में ‘रहने योग्य ग्रह’ पर एक व्याख्यान दे रहे थे तब उन्हें जोरदार कार्डियक अरेस्ट (Heart Attack) आया और वह बेहोश हो कर गिर पड़े।
अस्पताल के CEO जॉन साइलो ने बताया कि जब कलाम साहब को अस्पताल लाया गया तब उनकी नब्ज और ब्लड प्रेशर साथ छोड़ चूका था।