अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। आज इस मंदिर के निर्माण के लिए ऐतिहासिक दिन है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ‘शिला पूजन’ किया और अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) के गर्भगृह (Garbha Griha) के निर्माण की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री ने मंदिर स्थल पर पहला नक्काशीदार पत्थर रखा। इसके साथ ही सीएम योगी ने द्रविड़ शैली के मंदिर श्री रामलला सदन (Shri Ramlala Sadan) का भी उद्घाटन किया।
इस समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े 90 मठों और मंदिरों के संत और महंत भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने सुबह अभिजीत मुहूर्त, मृगशिरा नक्षत्र व आनंद योग में पूजन-अर्चन के बाद गर्भगृह की पहली शिला रखी। इस गर्भगृह की दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। आदित्यनाथ ने ‘अंग वस्त्र’ के साथ राम मंदिर निर्माण के इंजीनियरों की सुविधा प्रदान की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर (Hanuman Garhi) में पूजा-अर्चना की।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग 2 साल पहले पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुरू किया था। अब तक, लगभग 75,000 घन फीट पत्थर की नक्काशी का काम पूरा हो चुका है। मंदिर में अकेले अधिरचना के लिए कुल लगभग 4.45 लाख घन फीट पत्थर की आवश्यकता है। बाता दें की, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 9 नवंबर, 2019 को सर्वसम्मति से अपना फैसला सुनाया था कि अयोध्या में जहां बाबरी मस्जिद थी, वह भूमि राम लला की है।