देशभर में कोरोना की तीसरी लहर आ गयी है। कोरोना संक्रमण फिर से अपना विकराल रूप ले रहा है। साल के शुरुआत से ही ये संक्रमण काफी तेजी से फैलने लगा है। देश सहित बिहार में भी प्रतिदिन हजारों की तादाद मे नए संक्रमित मामले सामने आ रहे हैं। पिछले साल कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन का टेस्ट बिहार में उपलब्ध नहीं था। लेकिन इस साल के शुरुआत से ही इसके टेस्ट की शुरुआत बिहार में कर दी गयी। जिसके बाद से कोरोना टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ा गई है। और इसी कर्म में राजधानी पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) में 32 सैंपल्स की जीनोम सिक्वेंसिंग (ओमीक्रोन की जांच) की गई।
जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट के दौरान डॉक्टर्स को एक ऐसा सैंपल मिला है जो बाकि कोरोना वेरिएंट से अलग पाया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वेरिएंट न तो डेल्टा है और न ही ओमिक्रॉन। विशेषज्ञों को ऐसा लग रहा है कि पाया गया यह वेरिएंट नया वेरिएंट डेल्टाक्रॉन (Deltacron Variant) हो सकता है। फिलहाल माइक्रोबायोलॉजी के एक्सपर्ट इस सैंपल की जांच में जुट गए हैं। वह यह देख रहे हैं कि नया वेरिएंट कितना संक्रमक है और म्यूटेंट क्षमता कितनी है।
IGIMS अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने अस्पताल में कोरोना का बिल्कुल ही नया वेरिएंट पाए जाने की बात कही है। उन्होंने बताया कि एक्सपर्ट नए वेरिएंट का पता लगाने में जुटे हुए हैं। अभी पूरी दुनिया कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपट नहीं पाए हैं। और भारत में कोविड-19 का तीसरा लहर आ गया है।
लेकिन अब मिला नया वेरिएंट डेल्टाक्रॉन के अस्तित्व में आने की बात कही जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, साइप्रस में डेल्टा और ओमिक्रॉन के मिलाजुलता स्वरूप वाले कोरोना का नया वेरिएंट पाए जाने की बात सामने आई है। विशेषज्ञों ने इसे डेल्टाक्रॉन का नाम दिया है। हालांकि, IGIMS में पाए गए नए वेरिएंट के बारे में अभी पुष्टि नहीं हो पाई है कि वह डेल्टाक्रॉन ही है, लेकिन विशेषज्ञों को संदेह है कि यह कोरोना का तीसरा नया वेरिएंट हो सकता है।