3 कृषि कानूनों के खिलाफ 14 महीनों तक दिल्ली के बॉडर पर बैठे पंजाब के किसानों के आगे केंद्र सरकार झुकी। और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला सुना डाला। और कहा गया कि अगले बजट में इसको वापस ले लिया जायेगा। जिसके बाद दिल्ली बॉडर से सभी किसान धीरे धीरे अपने खेत की ओर लौटने गए। इस 14 महीनों में पंजाब के कई किसानों की इस आंदोलन के दौरान मौत भी हुई। लेकिन फिर भी कोई भी किसान अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटा। और इधर पंजाब के विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार अपने जिद्द से हटी। काफी दिनों से बजट का इंतजार कर रहे किसानों का इंतज़ार आज खत्म हुआ। जब निर्मला सीतारमण ने ‘Budget 2022’ की घोषणा की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट को देख कर यह साफ़ कहा जा सकता है कि इस बार का बजट रूठे हुए किसानों को मानाने की कोशिश है। जहां इस बजट में बताया गया है कि MSP का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा। साथ ही गंगा के किनारों के 5 किमी. के दायरे में आने वाली जमीन पर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
साथ ही इस बार के बजट में राज्यों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सिलेबस बदलने को कहा जाएगा। जिससे किसानों के खेती की लागत को कम किया जा सके। इस बार के बजट में फलों और सब्जियों की उन्नत किस्म अपनाने वाले किसानों की मदद के लिए भी राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे। किसानों को डिजिटल सर्विस उपलब्ध करने की बात भी इस बजट में की गई है, जिसमें दस्तावेज, खाद, बीज, दवाई से संबंधित सभी सेवाएं शामिल हैं।
इस बार के बजट में किसानों को डिजिटल सेवा प्रदान करने के साथ-साथ, तिलहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने का अभियान शुरू किया जाना शामिल है। इसके अलावा पांच नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा, सिंचाई-पेयजल सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
देश भर में केमिकल फ्री नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दिया जायेगा। गंगा के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में इसके पहले चरण की शुरुआत की जाएगी। मौजूदा वित्त वर्ष में 2.37 लाख करोड़ रुपये के खाद्यान्न की MSP के तहत किसानों से खरीद की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2023 को हमने मोटा अनाज वर्ष घोषित करने का फैसला लिया है।
रबी 2022-23 में 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन गेहूं और धान ख़रीदा जाएगा। और वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 44605 करोड़ रुपये की लागत से केन-बेतवा लिंक परियोजना को शुरू करने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने किसानों को डिजिटल और हाईटेक सेवाएं देने के लिए PPP मॉडल की शुरुआत करने की घोषणा की। हलांकि पीएम किसान योजना की राशि को लेकर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं कहा।
एक साल से ज्यादा वर्षों तक चले किसानों आंदोलन से सरकार पहले ही बैकफुट में है। ऐसे में सरकार ने इस बजट में किसानों के लिए कई योजनाओं का पिटारा खोला है।
इस बजट में छोटे किसानों और MSME के लिए रेलवे नए उत्पाद विकसित करेगा। पांच नदियों के आपस में जोड़े जाने से सिंचाई-पेयजल सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, जिससे किसानों को खेती में कोई परेशानी न आये।