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उपभोक्ताओं को आवश्यक राहत प्रदान करने के लिए, केंद्र सरकार ने कच्चे सोयाबीन के तेल (Soyabean Oil) और सूरजमुखी के तेल (Crude Sunflower Oil) के 20 लाख मीट्रिक टन की मात्रा के आयात को 2 साल की अवधि के लिए सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना और विकास उपकर की शून्य दर पर आयात (Duty Free Import) करने की अनुमति दी है। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की अधिसूचना के अनुसार, यह आदेश 25 मई, 2022 को लागू होगा, और 31 मार्च, 2024 के बाद लागू होना बंद हो जाएगा।

यह घोषणा भारत में खाद्य तेल की कीमतों में उछाल के मद्देनजर की गई है। भारत दुनिया के सबसे बड़े वनस्पति तेल आयातकों में से एक है और अपनी 60 प्रतिशत जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है। इस बीच, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद, खाद्य तेल की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत में सूरजमुखी का तेल मुख्य रूप से यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है।

फरवरी में, भारत सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि कच्चे पाम तेल पर कृषि उपकर 12 फरवरी 2022 से पहले के 7.5 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। बता दें की, भारत अपनी खाद्य तेल जरूरतों का दो-तिहाई से अधिक आयात करता है और काला सागर क्षेत्र से सूरजमुखी की आपूर्ति में तेज गिरावट ने स्थानीय कीमतों को और बढ़ा दिया है।

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