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DGCA ने स्पाइसजेट को 18 दिनों में 8 बार आई खराबी को लेकर भेजा कारण बताओ नोटिस

SpiceJet

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें SpiceJet को यह बताने के लिए कहा गया है कि “सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय हवाई सेवाएं स्थापित करने में वे क्यों विफल हो रहा है। और क्यों न उसके खिलाफ करवाई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।” बता दें कि 1 अप्रैल, 2022 से अब तक स्पाइसजेट द्वारा संचालित विमानों पर रिपोर्ट की गई घटनाओं की समीक्षा की गई है। जिसमें यह देखा गया है कि कई मौकों पर, विमान या तो अपने मूल स्टेशन पर वापस आ गया या खराब सुरक्षा मार्जिन के साथ गंतव्य पर उतरना जारी रखा।

DGCA ने पिछले 18 दिनों में तकनीकी खराबी की 8 घटनाओं के बाद स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया। आज भी एयरलाइन ‘स्पाइसजेट’ ने बताया कि मौसम संबंधी रडार के काम ना करने की वजह से उसका एक मालवाहक विमान मंगलवार को कोलकाता लौट आया। चीन के चोंग्किंग शहर जा रहे विमान के पायलट को उड़ान भरने के बाद ही पता चल गया था कि उसका मौसम संबंधी रडार काम नहीं कर रहा है। ‘स्पाइसजेट’ के विमान में तकनीकी खराबी का पिछले 18 दिन में सामने आया यह 8वां मामला है।

‘स्पाइसजेट’ के दिल्ली से दुबई जा रहे एक विमान को ईंधन संकेतक में खराबी के कारण मंगलवार को कराची की ओर मोड़ दिया गया था। वहीं कांडला से मुंबई जा रहे विमान को बीच हवा में ‘विंडशील्ड’ में दरार आने के बाद महाराष्ट्र की राजधानी में प्राथमिकता के आधार पर उतारा गया था।

लगातार आ रही इन सभी तकनिकी खराबियों के के बाद DGCA ने नोटिस में कहा गया कि घटनाओं की समीक्षा से पता चलता है कि खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण और अपर्याप्त रखरखाव (क्योंकि अधिकांश घटनाएं या तो सिस्टम के फेल होने से या कॉम्पोनेन्ट के फेल होने से जुड़ी हैं) की वजह से सुरक्षा मार्जिन में गिरावट आई है। डीजीसीए ने स्पाइसजेट को नोटिस का जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।

जारी नोटिस में कहा गया कि सितंबर 2021 में डीजीसीए द्वारा किए गए वित्तीय मूल्यांकन से यह भी पता चला है कि एयरलाइन ‘कैश-एंड-कैरी’ (मॉडल) पर काम कर रही है और आपूर्तिकर्ताओं/अप्रूव विक्रेताओं को नियमित आधार पर पेमेंट नहीं किया जा रहा है, जिससे पुर्जों की कमी हो रही है। DGCA ने कहा कि स्पाइसजेट विमान नियम, 1937 के नियम 134 और अनुसूची XI की शर्तों के तहत “एक सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय हवाई सेवा स्थापित करने” में विफल रही है।

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