दीवाली, एक ऐसा त्योहार है जिसमें सभी लोग सारे गीले शिकवे भुल कर सबके साथ मिल कर दीपों को जलाते हैं। लेकिन जिस वजह से इस दीयों को जलाया जाता है उन राम की नगरी में पिछले कुछ सालों से हर बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाये जा रहे हैं। जी हां, श्री राम की नगरी अयोध्या में पिछले कुछ सालों से दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान हर साल नए रिकॉर्ड स्थापित किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही यहां दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी। और इस साल इस दीपोत्सव कार्यक्रम में फिर से दीपों को जला कर नया रिकॉर्ड बनाया जायेगा।
साल 2017 में दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी। उस साल तक़रीबन 1.80 लाख दीये जलाए गए थे। फिर साल 2018 में दीयों की संख्या बढ़ाकर 3,01,152 की गयी थी। 2019 में भी संख्या को बढ़ाया गया। और 5.50 लाख दीये जलाए गए। पिछले साल यानी 2020 में ये संख्या बढ़ कर 5.51 लाख तक पहुँच गयी थी। जिसने हर बार नए रिकार्ड्स स्थापित किये हैं। लेकिन इस साल पिछले सारे रिकार्ड्स को तोड़ने की तैयारी की जा रही है। जी हां, इस साल साढ़े सात लाख दीयों को जलाया जायेगा।
आपको बता दें कि अवध विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 12 हजार वालंटियर के सहयोग से घाट समन्वयक (coordinator) और प्रभारी के दिशा-निर्देशन में दूसरे दिन मंगलवार को निश्चित पैटर्न पर दीए बिछाने का कार्य पूरा कर लिया गया। इन दीयों में बुधवार को ही तेल डालने और जलाने का काम होगा और इस बार के दीपोत्सव में 32 घाटों पर लगभग दो सौ समन्वयक, 32 पर्यवेक्षक (supervisor) और 32 प्रभारी नियुक्त किए गए है। दीपोत्सव में प्रत्येक वालंटियर को लगभग 75 दीए जलाने का लक्ष्य दिया गया है।
इस बार 7.5 लाख दीये जलाने की तैयारी चल रही है। जो अपने ही पिछले विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने वाले हैं। इस कार्य के लिए अवध विश्वविद्यालय की पूरी टीम बीते दो दिनों से कड़ी मेहनत में लगी हुई है। आपको बता दें कि रामपैड़ी के 32 घाटों पर मंगलवार को निर्धारित संख्या में 9 लाख दीये को विधिपूर्वक बिछाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। इस दीपोत्सव के मुख्य अतिथि केन्द्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी होंगे। साथ ही इस मौके पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री समेत केन्या, वियतनाम और ट्रिनिडाड-टुबैगो के राजनयिक भी मौजूद रहेंगे।