रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator) की पहली उड़ान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। यह परीक्षण एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (Aeronautical Test Range), चित्रदुर्ग, कर्नाटक से किया गया। बिना पायलट के उड़ने वाले इस विमान ने एक परिपूर्ण उड़ान का प्रदर्शन किया, जिसमें टेक-ऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और एक आसान टचडाउन शामिल है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने DRDO की इस कामयाबी पर बधाई दी। उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा, “चित्रदुर्ग ATR से ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली सफल उड़ान पर DRDO इंडिया को बधाई। यह स्वायत्त विमानों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है जो महत्वपूर्ण सैन्य प्रणालियों के मामले में आत्मानिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
यह उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को साबित करने के मामले में एक प्रमुख मील का पत्थर है और ऐसी स्ट्रेटेजिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस वाहन को वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (Aeronautical Development Establishment), बेंगलुरु द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, जो DRDO की एक प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशाला है। यह एक छोटे टर्बोफैन इंजन द्वारा संचालित है। इस विमान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एयरफ्रेम, अंडर कैरिज और संपूर्ण उड़ान नियंत्रण और एवियोनिक्स सिस्टम स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं।