झारखंड में पूर्वी भारत का पहला जनजातीय विश्वविद्यालय (Tribal University) खुलेगा। 5 दिनों तक चले झारखंड विधासभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन इसकी स्वीकृति मिल गई है। विश्वविद्यालय पंडित रघुनाथ मुर्मू (Pandit Raghunath Murmu) के नाम पर होगा। इसे जमशेदपुर के गालूडीह और घाटशिला के बीच निर्माण की योजना है। इसके लिए 20 एकड़ जमीन भी चिह्नित की जा चुकी है। यह विवि झारखंड की जनजातीय आबादी के लिए उच्च शिक्षा और अनुसंधान की सुविधा देने में महत्वूर्ण भूमिका निभाएगा।
कुछ माह पहले हुए जनजातीय सलाहकार परिषद (TAC) की बैठक में आदिवासियों को लेकर कई बड़े फैसले लिये गये थे। इसमें जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने का फैसला भी एक है। पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय पूर्वी भारत का पहला आदिवासी विश्वविद्यालय होगा।
झारखंड में जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने इस दिशा में पिछली सरकार को कई बार सुझाव दिया था। उन्होंने कोल्हान में इसकी स्थापना का सुझाव दिया था। जनजातीय विश्वविद्यालय में खास तौर पर जनजातीय केंद्रित सामाजिक विज्ञान, कला, संस्कृति, भाषा और भाषा विज्ञान, विज्ञान, वन आधारित आर्थिक गतिविधियों आदि पर शिक्षण और अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करने ज्ञान का प्रसार और प्रोत्साहन किया जाएगा।