प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार, 2 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार (National Herald Newspaper) के प्रधान कार्यालय दिल्ली सहित दिल्ली के कई और स्थानों पर छापेमारी की। जांच एजेंसी द्वारा नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी से पूछताछ के कुछ दिनों बाद यह कारवाई की है।
जांच एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) की आपराधिक धाराओं के तहत “धन के निशान के संबंध में अतिरिक्त सबूत इकट्ठा करने” के लिए तलाशी ली जा रही है।
बता दें कि नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से पूछताछ के कुछ दिनों बाद, ED द्वारा दिल्ली में अखबार के कार्यालयों और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से जुड़े कई अन्य परिसरों सहित लगभग 12 स्थानों पर छापेमारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी तलाशी के बाद मामले से जुड़ी संपत्तियों को कुर्क कर सकती है।
इस बारे में कांग्रेस की ओर से पलटवार करते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों पर विपक्ष के सवालों ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया है। पार्टी ने कहा कि वे देश के लोगों को जवाब देने में असमर्थ हैं, इसलिए वे असहज सवाल पूछने वालों को अपमानित करने और ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सैयद नसीर हुसैन ने कहा, “सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि कई विपक्षी दलों के नेताओं को परेशान किया जा रहा है।”
उधर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट कर बीजेपी के खिलाफ लिखा कि, “हेराल्ड हाउस, बहादुर शाह जफर मार्ग पर छापे भारत के प्रमुख विपक्ष-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खिलाफ जारी हमले का एक हिस्सा है। हम मोदी सरकार के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ इस प्रतिशोध की राजनीति की कड़ी निंदा करते हैं। आप हमें चुप नहीं करा सकते!”