Home National कोरोना वायरस महामारी के साये में और सख्त COVID-19 प्रोटोकॉल के बीच...

कोरोना वायरस महामारी के साये में और सख्त COVID-19 प्रोटोकॉल के बीच सत्र का पहला दिन

Parliament

Report by Manisha:

कोरोना वायरस महामारी के साये में और सख्त COVID-19 प्रोटोकॉल के बीच सत्र का पहला दिन शुक्रवार से शुरू हो रहा है। अप्रैल के पहले सप्ताह तक चलने वाले इस बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्ष किसान आंदोलन के बीच कृषि कानूनों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है, क्योंकि 16 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है।

बजट सत्र में विपक्ष पार्टियां सरकार को कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई। अर्थव्यवस्था और भारत-चीन सीमा के मुद्दों पर निशाना बनाएगी। इन पार्टियों ने यह कहते हुए किसानों को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है कि सरकार ने गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा किये गए विरोध के दौरान बेईमानी की है। ऐसे में सत्र के दौरान हमारा प्रमुख मकसद इन कानूनों को रद्द करने का होगा। शुक्रवार को एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने जा रहे लोकसभा अध्यक्ष ओम विड़ला ने कहा ‘सत्र में तमाम मुद्दों को उठाने के लिए सांसदों को पर्याप्त मौके मिलेंगे। सत्र में प्रश्नकाल और शून्येकाल होंगे। ऐसे में बजट सत्र में रूकावट डालने से कोई फायदा नही है।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, सत्र के दौरान सरकार दो अध्यादेशों को कानून के रूप में पारित कराने का प्रयास भी करेगी। किसी अध्यादेश को सत्र शुरू होने के 42 दिनों के भीतर कानून के रूप में परिवर्तित कराना होता है अन्यथा इसकी मियाद समाप्त हो जाती है। हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अध्यादेश 2020, मध्यस्थता एवं सुलह संशोधन अध्यादेश 2020 तथा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन अध्यादेश 2021 जारी किया गया था। बता दें कि संसद के बजट सत्र का पहला हिस्सा 15 फरवरी को समाप्त होगा, दूसरा हिस्सा 8 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा।

Exit mobile version