उत्तर प्रदेश की भूमि पर एक और नया कीर्तिमान स्थापित होने गया है। दरसअल, उत्तर प्रदेश को एक और एक्सप्रेसवे मिलने की पूरी तैयारी हो गयी है जो राज्य के पूर्वी हिस्से को पश्चिमी हिस्से से जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे, देश का सबसे बड़ा ‘गंगा एक्सप्रेसवे’ होगा। इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास पीएम मोदी ने आज कर दिया है।
India’s biggest expressway यानी की भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway), की आधारशिला रखी गयी। यह नया गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा होगा। इस एक्सप्रेसवे को मेरठ से प्रयागराज तक बनाने की योजना है। यह मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाएगा। Uttar Pradesh Expressway Industrial Development Authority यानी की UPEIDA द्वारा इस एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। UPEIDA ने पूरे प्रोजेक्ट को 12 पैकेज और 4 ग्रुप में बांटा है। एक ग्रुप में 3-3 पैकेज शामिल किए गए हैं।
इस एक्सप्रेसवे की मदद से दिल्ली और प्रयागराज के बीच यात्रा के समय को मौजूदा 10-11 घंटे से घटाकर सिर्फ 6-7 घंटे करने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेसवे को बनाने का जिम्मा अडानी ग्रुप और IRB को दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी। पहले चरण का काम IRB को मिला जो मेरठ से अमरोहा तक का है, तो वहीं, अमरोहा से प्रयागराज तक तीन चरणों का काम अडानी ग्रुप को सौंपा गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए 11 कंपनियों ने रूचि दिखाई थी जिसमें से दो कंपनियां मलेशिया और दक्षिण कोरिया की हैं। 12 जिलों की 30 तहसीलों से होकर गुजरने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए लगभग 36,000 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। इस आवंटित बजट में से 9500 करोड़ रुपए जमीन अधिग्रहण में खर्च होगा जबकि लगभग 20,000 करोड़ रुपए कंस्ट्रक्शन वर्क में खर्च होगा।
इस एक्सप्रेस-वे पर एक हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी जिससे भारतीय वायु सेना के विमान आपात स्थिति में उतर सकेंगे। इस हवाई पट्टी का निर्माण सुल्तानपुर जिले में किया जाएगा। ये एक्सप्रेसवे मेरठ में 15km, हापुड़ में 33km, बुलंदशहर में 11km, अमरोहा में 26km, संभल में 39km, बदायूं में 92km, शाहजहांपुर में 40km, हरदोई में 99km, उन्नाव में 105km, रायबरेली में 77km, प्रतापगढ़ में 41km और प्रयागराज में 16km का एक्सप्रेसवे बनेगा। इस एक्सप्रेस-वे की सबसे अधिक लंबाई उन्नाव जिले में 105 किमी. होगी। इस एक्सप्रेस-वे से करीब 519 गांव जुड़ेंगे। ये मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव में समाप्त होगा।
वाहनों को केवल स्पेसिफिक टोल प्लाजा के माध्यम से ही इस एक्सप्रेसवे में प्रवेश करने या बाहर निकलने की अनुमति होगी। इसके लिए दो मुख्य टोल प्लाजा मेरठ और प्रयागराज में बनाये जायेंगे। हालांकि रास्ते में 15 रैंप टोल प्लाजा भी होंगे। ये एक्सप्रेसवे स्टार्टिंग में 6 लेन का होगा और इस एक्सप्रेसवे को 8 लेन तक एक्सटेंड किया जायेगा। इस एक्सप्रेस-वे के एक किनारे पर 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड का निर्माण किया जाएगा, जिससे परियोजना क्षेत्र के आसपास के गांवों के निवासियों को सुगम परिवहन मिल सके। कुल मिलाकर, गंगा एक्सप्रेसवे के साथ लगभग 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 929 कल्वर्टस, 7 रोड ओवरब्रिज, 28 फ्लाईओवर और 8 डायमंड इंटरचेंज होंगे। इसके साथ ही रेलवे ओवरब्रिज की चौड़ाई 120 मीटर होगी। दिसंबर 2023 तक इस गंगा एक्सप्रेसवे की बनकर तैयार हो जाने की सम्भावना है।