भारत ने पेप्सिको (PepsiCo) के पॉपुलर लेज चिप्स (Lays Chips) बनाने वाले FC5 किस्म के आलू से पेटेंट को रद्द कर दिया है। क्योंकि इन आलूओं में पानी की कमी होती है जिस वजह से चिप्स पतले और कुरकुरे होते हैं। और इसीलिए इस किस्म की आलू को चिप्स बनाने के लिए अच्छा माना जाता है। पर लगे पेटेंट को भारत ने रद्द कर दिया है। इस बात का आदेश प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वैराइटी एंड फार्मर्स राइट्स (PPVFR) अथॉरिटी ने दिया है। दरअसल, पेप्सिको ही भारत में पॉपुरल लेस चिप्स (Lay’s potato chips) का प्रोडक्शन करती है।
बता दें कि साल 2019 में पेप्सिको ने गुजरात के कुछ किसानों के ऊपर मुकदमा किया था क्योंकि वो किसान FC5 किस्म के आलू को उगा रहे थे। और PepsiCo का कहना था कि आलू की इस किस्म पर उसका अधिकार है और अन्य किसान बिना उनकी इजाजत के इसे नहीं उगा सकते। लेकिन अब पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकार का संरक्षण प्राधिकरण (PPVFR) ने इस पेटेंट को रद्द कर दिया है।
कंपनी द्वारा किसानों पर किये गए इस मुकदमें का लोगों द्वारा खूब विरोध किया गया था। जिसके बाद अमेरिकी कंपनी ने अपना मुकदमा वापस भी ले लिया था। लेकिन किसानों ने इस मुकदमे को लड़ने की तैयारी कर ली। और फिर चार किसानों की तरफ से एक वकील ने PepsiCo के खिलाफ मुकदमा शुरू कर दिया था। पूरे भारत के किसानों द्वारा विरोध के बाद कंपनी ने कहा था कि हम शांतिपूर्वक भी इस मामले को हल कर सकते हैं।
लेकिन किसानों के हित के लिए लड़ने वाली Farmers Rights Activist कविता कुरुगंती (Kavitha Kuruganti) ने पेप्सिको को एफसी5 किस्म के आलू के लिए दिए गए इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट को रद्द करने के लिए PPVFR अथॉरिटी में याचिका दायर की। Kavitha Kuruganti कहा कि सरकार के नियम सीड वैराइटी पर पेटेंट की अनुमति नहीं देते हैं। PPVFR अथॉरिटी ने इस तर्क से सहमत थी कि पेप्सी एक सीड वैराइटी पर पेटेंट का दावा नहीं कर सकता। अथॉरिटी के चेयरमैन वी प्रभु ने आदेश में कहा कि ‘सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन’ तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। बता दें कि PepsiCo ने साल 1989 में भारत में आलू के चिप्स का पहला प्लांट लगाया था।