5 अगस्त 2021 का दिन भारतीय हॉकी इतिहास में अमर हो गया है क्योंकि आज ही के दिन भारत ने ओलम्पिक मेडल का 41 साल पुराना सूखा खत्म किया है I भारत ने ब्रॉन्ज़ मेडल मैच में जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है I भारतीय टीम भले ही सेमीफाइनल हार गयी हो लेकिन उसने मेडल जीतकर भारत का मान बढ़ाया है I मेडल का रंग चाहे कोई भी हो मेडल तो मेडल होता है
भारतीय हॉकी टीम ने अपने अभियान की शुरुवात न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ 3-2 के खिलाफ जीत के साथ की I लेकिन अपने अगले ही मैच में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया से 7-1 की शर्मनाक हार झेलनी पड़ी I भारतीय टीम के लिए ये हार बहुत ही बड़ा झटका थी I अब भारतीय टीम को अपना अभियान वापस से सही दिशा में लाने के लिए अपना अगला मैच जीतना ज़रूरी था I अपने आने वाले मैचों में भारत ने स्पेन को 3-0, अजेंटीना को 3-1, जापान को 5-3 और ग्रेट ब्रिटैन को 3-1 से हराया I भारत भले ही सेमीफाइनल में हार गया था लेकिन उसने 130 करोड़ हिन्दुस्तानियो का दिल जीत लिया था I भारत ने ओलम्पिक में 9 गोल्ड मेडल जीते हैं जिसमे से 8 हॉकी में आएं हैं I इस बात से ये पता लग जाता है हॉकी भारत में एक खेल नहीं बल्कि धर्म है
इस भारतीय टीम में अनुभव की बहुत कमी थी I एक आंकड़ा यह बताता है की इस भारतीय टीम में 16 में 10 खिलाड़ियों का यह पहला ओलम्पिक है वह 10 खिलाड़ी हैं – अमित रोहिदास, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, नीलकांत शर्मा, सुमित, शमशेर सिंह, दिलप्रीत सिंह,गुरजंत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय और बीरेंद्र लाकड़ा। इस ओलम्पिक में यह पहली बार था की भारत की दोनों हॉकी टीमें सेमीफाइनल में पहुंची हों I भले ही भारतीय महिला टीम का सफर ग्रुप स्टेज में अच्छा न रहा हो लेकिन उसने ऑस्ट्रेलिया जैसी मज़बूत टीम ओलम्पिक से बाहर का रास्ता दिखा कर अपने साहस का परिचय दिया है I भारतीय महिला हॉकी टीम अपने ब्रॉन्ज़ मेडल मैच में ग्रेट ब्रिटेन से भिड़ेगा I उम्मीद है पुरुष टीम की तरह महिला टीम भी भारत का गौरव बढ़ाएंगी