भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने स्वदेशी रूप से विकसित नौसैनिक एंटी-शिप मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया। भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के सहयोग से यह परीक्षण किया। यह परीक्षण सुबह 8:50 बजे ओडिशा के ITR बालासोर से सीकिंग 42B नेवल हेलीकॉप्टर (Seaking 42B Naval Helicopter) से हुआ। यह फायरिंग विशिष्ट मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और स्वदेशीकरण के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता की कमिटमेंट करता है।
यह मिशन अपने सभी उद्देश्यों को पूरा कर चुका है। यह भारतीय नौसेना के लिए पहली स्वदेशी एयर-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम है। इस मिसाइल ने वांछित समुद्री स्किमिंग ट्रॉजेक्टरी का अनुसरण किया और नियंत्रण, मार्गदर्शन और मिशन एल्गोरिदम को मान्य करते हुए उच्च सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य तक पहुंच गया। सभी सब-सिस्टम ने संतोषजनक प्रदर्शन किया। परीक्षण रेंज और निकट प्रभाव बिंदु पर तैनात इस सेंसर ने मिसाइल ट्रॉजेक्टरी को ट्रैक किया और सभी घटनाओं को कैप्चर किया।
इस मिसाइल ने हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित लॉन्चर सहित कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया। इस मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं। इस उड़ान परीक्षण को DRDO और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा। भारतीय नौसेना विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के समुद्री सुरक्षा हितों की प्रभावी रूप से रक्षा करने के लिए अपनी समग्र युद्ध क्षमता में लगातार वृद्धि कर रही है।