जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य उपस्थित थे।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित (Chief Justice Uday Umesh Lalit) का स्थान लिया है जो 9 नवंबर को रिटायर हुए। भारत के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ देश का कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 तक रहेगा। जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थे। न्यायपालिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पिता-पुत्र भारत के मुख्य न्यायाधीश बने हैं।
11 नवंबर 1959 को जन्में जस्टिस चंद्रचूड़ को 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। वह 31 अक्टूबर, 2013 से सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति तक इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। वे 29 मार्च, 2000 से इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति तक बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश थे। जस्टिस चंद्रचूड़ देश के प्रगतिशील और उदार जज के तौर पर जाने जाते हैं। उन्हें नागरिकों के मौलिक अधिकारों के प्रति भी बहुत संवेदनशील माना जाता है और जस्टिस चंद्रचूड़ की सबसे विशिष्ट विशेषता दुर्व्यवहारियों के प्रति उनके सख्त रवैये के लिए जानी जाती है।