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सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया को ऑनलाइन सट्टेबाजी (Online Betting) को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों को लेकर एक एडवाइजरी जारी की गई है। सरकार ने कई जगहों पर सट्टेबाजी के एड देखने के बाद यह फैसला लिया है। यह सलाह प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया की दी गई है।

इस एडवाइजरी में लिखा गया, “सट्टेबाजी और जुआ देश के अधिकांश हिस्सों में अवैध है, और चिंता व्यक्त की गई है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन एक ऐसी गतिविधि को बढ़ावा देते हैं जो अन्यथा बड़े पैमाने पर निषिद्ध है और उपभोक्ताओं, विशेष रूप से युवाओं और बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक जोखिम पैदा करता है।”

इसके अलावा इसमें आगे लिखा गया, “ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन भ्रामक हैं और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम, 1995 के तहत विज्ञापन कोड के अनुरूप नहीं हैं और प्रेस काउंसिल अधिनियम, 1978 के तहत भारतीय प्रेस परिषद द्वारा निर्धारित पत्रकारिता आचरण के मानदंडों के तहत विज्ञापन मानदंड, जिसका संदर्भ सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में भी दिया गया है।”

इस एडवाइजरी में आगे लिखा गया “उपरोक्त के आलोक में और इसमें शामिल व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को सलाह दी जाती है कि वे ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के विज्ञापन प्रकाशित करने से बचें। ऑनलाइन विज्ञापन मध्यस्थों और प्रकाशकों सहित ऑनलाइन और सोशल मीडिया को सलाह दी जाती है कि वे भारत में ऐसे विज्ञापन प्रदर्शित न करें या ऐसे विज्ञापनों को भारतीय दर्शकों के लिए लक्षित न करें।”

बता दें की, 4 दिसंबर, 2020 को, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों को ऑनलाइन गेमिंग के विज्ञापनों पर भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए एक सलाह जारी की थी, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग के प्रिंट और ऑडियो-विजुअल विज्ञापनों के लिए विशिष्ट क्या करें और क्या न करें शामिल थे।

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