Home National चक्रव्यूह में फंसे आर्यन खान के ड्रग केस को सुलझाने वाले अफसर

चक्रव्यूह में फंसे आर्यन खान के ड्रग केस को सुलझाने वाले अफसर

बात शुरू आर्यन खान (Aryan Khan) के ड्रग केस से हुई और धीरे-धीरे ये पूरा मामला बॉलीवुड से साथ-साथ स्टार किड्स के ड्रग्स कनेक्शन तक पहुंची। लेकिन अब ये पूरा मामला किसी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म की तरह कई ट्विस्ट और टर्न्स लेकर आया है। ये ट्विस्ट, आर्यन खान का कोई व्हाट्सप्प मैसेज नहीं है बल्कि इस पूरे मामले को लीड कर रहे NCB के Zonal Director समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के बारे में हैं। समीर, धर्म, जाति और शादी के गणित में फंस गएँ हैं। सियासत के इन गलियारों से आज नए धुएं उठें हैं। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने समीर वानखेड़े पर कई सारे आरोप लगाएं हैं। इन आरोपों के कारण अब इस ड्रग केस को एक नया एंगल दिया गया है।

आर्यन खान के ड्रग्स केस के साथ-साथ अब पूरा मामला इसकी जाँच कर रहे अधिकारी के कास्ट सर्टिफिकेट और गुमनाम चिट्ठियों तक पहुंच गया है। दरअसल, उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक, समीर वानखेड़े को लेकर मोर्च खोले हुए है। उन्होंने समीर के धर्म पर‍िर्वतन को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने समीर पर आरक्षण का लाभ लेने के लिए फर्जी तरीके से अपने आप को अनुसूचित जाति का दिखाने और नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया है। यह सनसनीखेज खुलासा करते हुए आज उन्होंने वानखेड़े की पहली शादी का फोटो और निकाहनामा ट्वीट किया है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है की इस निकाहनामा में समीर का पूरा नाम समीर दाऊद वानखेड़े लिखा हुआ है। उनकी पत्नी शबाना कुरैशी से हुए इस निकाह में मेहर की रकम 33000 हजार रुपये थी और गवाह के रूप में समीर की बहन यास्मीन के पति अजीज खान थे।

बात यहाँ पर इसलिए तूल पकड़ी हुई है क्योंकि समीर के पिता द्यानदेव एक दलित परिवार में जन्में थे लेकिन उन्होंने एक मुस्लिम महिला से शादी की। जब समीर ने शबाना से शादी की तब उन्होंने इस्लाम धर्म को कुबूला होगा। और अगर ऐसा है तो वो दलित आरक्षण से वंचित हो गए होंगे। पर समीर के मुताबिक वो एक सेक्युलर, द्विधर्मीय और कम्पोजिट परिवार से जुड़े हुए हैं। ऐसे में समीर पर सवाल उठना लाज़मी है।

यही नहीं समीर के पिता ने कहा कि यह निकाहनामा सच है, लेकिन वो हिंदू हैं। उनके बेटा और बेटी सब हिंदू हैं।” इस लिहाज से अगर समीर और शबाना की शादी हुई भी होगी तो दोनों का धर्म मुस्लमान होगा। और अगर देश में कोई हिंदू दलित जाति का व्यक्ति, मुस्लिम धर्म अपनाता है, तो उसकी जाति समाप्त हो जाती है, वो दलित आरक्षण से वंचित हो जाता है। समीर वानखेड़े ने अगर इस्लाम धर्म में रहते हुए जाति प्रमाण बनवाया और उसका लाभ उठाया तो संविधान के मुताबिक ऐसा गलत है।

इसी बीच एक बड़ा बयान आया है। दरअसल, समीर और शबाना का निकाह करवाने वाले मौलाना मुजम्मिल अहमद का कहना है की शादी के वक्त समीर, शबाना, उनके पिता सब मुसलमान थे। अगर समीर हिंदू होते तो निकाह ही नहीं होता क्योंकि इस्लमान धर्म में अगर लड़का और लड़की मुसलमान ना हों तो शादी के लिए काजी राज़ी नहीं होता है, और उस निकाह को कबूल नहीं किया जाता।

हालाँकि, समीर और शबाना की 2016 में तलाक हो गयी थी। इसके बाद उन्होंने 2017 में मराठी फिल्म एक्ट्रेस क्रांति रेडकर से शादी की। उनके दो बच्चे भी हैं। जब इस मामले पर उनकी पत्नी से पूछा गया तो उन्होंने इन सारी बातों को नकारते हुए कहा की “उनके पति ईमानदार हैं। समीर और वो जन्म से हिंदू हैं। उन दोनों ने कभी कोई अन्य धर्म नहीं अपनाया है। ना ही उनके ससुर कभी मुसलमान हुए। पर हाँ उनकी सास जरूर मुस्लिम थीं।”

आर्यन खान ड्रग्स केस से ये मामला किस सियासी गली में जा रहा है, ये तो अब वक़्त ही बताएगा। अब ये देखना दिलचस्प होगा की जाति, धर्म और शादी के बीच उलझे समीर वानखेड़े कैसे इस चक्रव्यूह से बाहर निकलते हैं।

Exit mobile version