लोक सभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वर्ष 2021-22 के लिये प्राप्तियों और खर्च का लेखाजोखा तथा वित्त विधेयक 2021 पेश किया. पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर वित्त मंत्री ने 2021-22 का बजट प्रस्ताव पढ़ा. सीतारमण ने इस बार बजट भाषण कागजी दस्तावेज के बजाय टैबलेट से पढ़ा. बजट प्रस्ताव पढ़ने के बाद वित्त मंत्री ने मध्यावधि राजकोषिय नीति रणनीति वक्तव्य और बृहद आर्थिक रूपरेखा वक्तव्य पेश किया. उन्होंने वित्त विधेयक 2021 पेश किया.
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी. जब वित्त मंत्री बजट पेश कर रही थीं, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, सुखवीर बादल, आम आदमी पार्टी के भगवंत मान और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने तीन हालिया कृषि कानूनों को लेकर विरोध दर्ज कराया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट 2021 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना बजट की नींव है. आम आदमी पर कोई बोझ नहीं बढ़ा. बजट से सभी क्षेत्रों में विकास होगा. बजट से विकास के विश्वास पर भरोसा बढ़ा. बजट से कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी. बजट में गांव और किसान पर फोकस किया गया. किसानों की आय दोगुनी होगी. पूर्व से पश्चिम, उत्तर से लेकर दक्षिण तक विकास पर जोर दिया गया. बंगाल से केरल तक योजनाओं का ऐलान हुआ. नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों का विकास होगा. महिलाओं पर बजट में विशेष ध्यान दिया गया
उन्होंने कहा कि किसानों और मंडियों को सशक्त करने का प्रावधान किया गया. MSME का बजट पिछले साल की तुलना में दोगुना हुआ. वर्ष 2021 का बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है, इसमें यथार्थ का अहसास और विकास का विश्वास भी है. कोरोना ने दुनिया में जो प्रभाव पैदा किया उसने पूरी मानव जाति को हिला कर रख दिया. इन परिस्थितियों के बीच आज का बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है. पीएम मोदी ने कहा कि बजट में आत्मनिर्भरता के साथ-साथ समावेशी विकास पर जोर दिया गया. यह बजट भाषण बिरले बजट भाषणों में था, विशेषज्ञों ने इसे सराहा.