महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के मोंगा जिले में हुआ था। लाला लाजपत राय ने एक राजनेता, लेखक और वकील के तौर पर देश को अपना अमूल्य योगदान दिया। आर्य समाज से प्रभावित लाला लाजपत राय ने पूरे देश में इसका प्रचार प्रसार किया। पंजाब में उनके कामों की वजह से उन्हें पंजाब केसरी की उपाधि दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की जयंती पर बृहस्पतिवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने ट्वीट किया , ‘‘महान स्वतंत्रता सेनानी पंजाब केसरी लाला लाजपत राय को उनकी जन्म-जयंती पर कोटि-कोटि नमन।’’
यह कहानी उस समय की है, जब लाला लाजपत राय स्कूल में पढ़ते थे। उस दौरान उनके स्कूल में छात्रों ने पिकनिक पर जाने का एक प्रोग्राम बनाया। इस प्रोग्राम के लिए सभी बच्चे अपने घर से कुछ न कुछ खास खाने की चीज बनवाकर लेकर आने वाले थे। इन्हीं स्कूली छात्रों के बीच एक गरीब छात्र भी था। जब सभी छात्र घर चले गये तो वह गरीब बालक भी अपने घर आया और सारी बातें मां को बताईं. बेटे की सारी बातें सुनने के बाद मां बोली बेटा- घर में बनाने के लिए कोई खास चीज नहीं है। यह सुनकर बालक दुखी हो गया। थोड़ी देर बाद मां ने बेटे से कहा कि घर में कुछ खजूर रखे हैं तू उन्हें ले जाना। कुछ देर बाद मां को लगा कि सभी बच्चे पिकनिक पर खाने-पीने की अच्छी चीजें लेकर आएंगे, ऐसे में बेटा खजूर ले जाएगा तो अच्छा नहीं लगेगा। बेटे को समझाते हुए मां बोली- तुम्हारे पिताजी आने वाले हैं। जैसे ही वे आएंगे, मैं बाजार से अच्छी चीज मंगवा लूंगी. इसके बाद बालक निराश होकर एक तरफ बैठ गया। थोड़ी देर बाद पिता घर आए। बेटे को उदास बैठा देखकर उन्होंने अपनी पत्नी से पूछा- क्या हुआ ? इसके बाद पत्नी ने उन्हें सारी बात बताई। पति-पत्नी देर तक आपस में विचार कर रहे थे। आंगन में बैठा बालक उन्हें देखता रहा, उसे दुख था कि उसके कारण उसके माता-पिता परेशानी में हैं।
कुछ देर बाद बालक ने देखा कि उसके पिता चप्पल पहनकर बाहर जा रहे हैं। बालक ने पूछा- ‘पिताजी मैं क्या जान सकता हूं कि आप कहां जा रहे हैं ? पिता बोले- बेटा तेरी उदासी मुझसे देखी नहीं जा रही है, इसलिए मैं अपने मित्र से कुछ पैसे उधार लेने जा रहा हूं, जिससे आप भी पिकनिक पर कुछ अच्छी चीजें लेकर जा सकेंगे।इसके बाद उस बालक ने जो कहा वह सुनकर आप भावुक हो जाएंगे। बालक बोला- नहीं पिताजी, उधार मांगना अच्छी बात नहीं है। मैं पिकनिक पर ये खजूर ही लेकर जाऊंगा। कर्ज लेकर शान दिखाना बुरी बात है। बेटे के मुंह से यह सुनकर पिता ने पुत्र को सीने से लगा लिया। यही बालक बड़ा होकर पंजाब केसरी लाला लाजपतराय के नाम से विश्वभर में विख्यात हुआ।