बिहार के ऑप्पोजीशन की बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने सोमवार 30 मई को अचानक ही बिहार विधान परिषद की 7 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर अपने 3 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इन नामों का ऐलान किया। इन 3 उम्मीदवारों के नाम में सबसे चौकाने वाला नाम है मुन्नी देवी उर्फ मुन्नी रजक का। जो नालंदा बख्तियारपुर की रहने वाली हैं। जो रजक समुदाय से आती हैं।
प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष कारी सोहैब के साथ मुन्नी रजक और अशोक पांडेय के नाम की घोषणा की। मालूम हो कि बिहार विधान परिषद के लिए नामांकन 2 जून से आरंभ होकर 9 जून तक होना है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधान परिषद के जिन 3 उम्मीदवारों पर मुहर लगाई है वह सभी पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं। मुजफ्फरपुर के कारी सोहैब युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
वहीं मुन्नी रजक पार्टी के सभी कार्यक्रमों में नारा लगाने वाली अत्यंत ही गरीब तबके की अनुसूचित जाति की महिला है। वह बख्तियारपुर की रहने वाली हैं। और तीसरा नाम अशोक पांडेय का है जो राजद से लंबे समय से जुड़े रोहतास जिले के नटवार के पास मिल्की ग्रामवासी ब्राह्मण परिवार के रामबचन पांडेय के पुत्र हैं। ये एक ठेठ किसान परिवार के हैं और राजद की नीतियों में लंबे समय से भरोसा रखने वाले हैं।
इधर अपने नाम की घोषणा होने के बाद मुन्नी देवी ने राबड़ी आवास पहुंचकर लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी और तेजप्रताप से मिलकर आशीर्वाद लिया। विधान परिषद के लिए मुन्नी देवी के नाम की घोषणा चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “मुझे लगा आज वट सावित्री पूजा है, इसलिए कोई उपहार दिया जाएगा। सपने में भी नहीं सोचा था कि विधान परिषद भेजने का फैसला किया जाएगा। मेरा अभी तक न कोई अपना घर है, न कोई जमीन। भाड़े के घर में रहती हूं और दूसरों के कपड़े साफ कर आज भी गुजारा करती हूं। पूरा परिवार आज भी कपड़ा धोकर ही अपनी जिंदगी काटते हैं। ऐसी गरीब महिला को टिकट देकर आरजेडी ने साबित कर दिया कि हर किसी का ख्याल लालू प्रसाद यादव रखते हैं।
इसी बीच राजद सुप्रीमो के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने मुन्नी देवी को उपहार दिया। उन्होंने मुन्नी देवी को अपने पूजा घर में ले जाकर भगवत गीता बतौर उपहार दिया। तेज प्रताप ने कहा कि इनका नाम मुन्नी देवी है, पर हमारे पिता लालू प्रसाद यादव ने मुन्नी रजक नाम दिया है। इन्हें मैंने भगवत गीता उपहार में दिया है और इसी से राजनीति सीखने को कहा है। क्योंकि पूरी राजनीति इस भगवत गीता में समाहित है। जो कृष्ण के साथ होता है वह जीतता है और जो दुर्योधन के साथ होता है उसकी हार होती है।