Chakka Jaam
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हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के तीन सीमा स्थलों-सिंघु, टीकरी एवं गाजीपुर बॉर्डरों पर पिछले 79 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं जिनमें अधिकतर पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।किसान संगठनों ने सिंघु बॉर्डर स्थित प्रदर्शन स्थल पर लंबे समय से आधारभूत संरचना को मजबूत करना शुरू कर दिया है जिसके तहत सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरें लगाए जा रहे हैं, आने वाले महीनों में गर्मी से बचने के लिए पंखे लगाए जा रहे हैं और इंटरनेट की सेवा बाधित होने की स्थिति से निपटने के लिए वाई-फाई की सुविधा के लिए ऑप्टिक फाइबर बिछाई जा रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि आने वाले दिनों में केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में ‘किसान महापंचायत’ आयोजित की जाएगी।मोर्चा ने साफ कर दिया है कि जब तक विवादित तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता एवं उनकी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी नहीं दी जाती तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। बता दें कि विभिन्न कृषि संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले ही प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठन ने गुरुवार को एक बयान जारी कहा कि उसकी टीम राज्यवार महापंचायत के कार्यक्रम के लिए योजना बना रही है। किसान संगठनों ने इस कदम का ऐलान अपनी मांगों को लेकर 18 फरवरी को देशभर में चार घंटे के लिए ‘रेल रोको’ आंदोलन की घोषणा करने के एक दिन बाद किया। 

प्रदर्शनकारी किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में महापंचायत होगी, इसके बाद 13 फरवरी को हरियाणा के बहादुरगढ़ में, 18 फरवरी को राजस्थान के श्री गंगानगर में, 19 फरवरी को राजस्थान के हनुमानगढ़ में, 23 फरवरी को राज्य के ही सीकर में किसानों की महापंचायत होगी। बयान में दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की कर्ज माफी, पूरा दाम की जायज एवं वाजिब मांग को पूरा करने को लेकर गंभीर नहीं है। संगठनों ने दावा किया कि हरियाणा सरकार ने टीकरी बॉर्डर के प्रदर्शन स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव किया है।