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पहले 13 जाबांजों की असमय मौत और अब शुक्रवार को दिल्ली से आईं अंतिम पलों की तस्वीरों ने सभी की आंखें नम कर दीं। एक ओर जहां ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिद्दर (Brigadier Lakhwinder Singh Lidder) अपने पति के ताबूत को रोते हुए चूमती नजर आईं। वहीं, बेटी आशना लिद्दर (Aashna Lidder) ने 17 सालों की यादों को सहेजे हुए पिता के ताबूत के पास खड़ी रहीं।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में आशना ने कहा, ‘सब कुछ याद आता है… 17 साल वो जो हमारे साथ थे, जितनी यादें उनकी साथ लेकर चल रहे हैं हम और अच्छी यादें ही साथ लेकर चलेंगे… मेरे पापा हीरो थे, मेरे बेस्ट फ्रेंड थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे पापा मुझमें ही नहीं सभी में जोश भरते थे और सबसे बड़ी प्रेरणा देने वाले थे वो मेरे।’

गीतिका लिद्दर ने कहा, ‘…हमें उन्हें अच्छी विदाई देनी चाहिए, खुश होकर विदा करना चाहिए। मैं एक सैनिक की पत्नी हूं। यह बहुंत बड़ी क्षति है…’

बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर जिले में हुए हादसे में ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर के अलावा देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत, स्टाफ अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह की भी मृत्यु हो गई थी। शुक्रवार को ही ब्रिगेडियर लिड्डर को भी अंतिम विदाई दी गई। इनके अलावा कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान, स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह, जूनियर वॉरंट ऑफिसर राणा प्रताप दास, जूनियर वॉरंट ऑफिसर अरक्कल प्रदीप, हवलदार सतपाल राय, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जीतेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक बी साईं तेजा ने भी अपनी जान गंवाई थी।