कार्टून, गुदगुनाने के साथ ही समाज की विसंगतियों पर कटाक्ष भी करता है। यह समाज में जागरूकता फैलाने का एक मुख्य माध्यम है। कार्टूनिस्ट और बंगाली कॉमिक किरदार रचयिता नारायण देबनाथ (Narayan Debnath) का कोलकाता के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्हें 24 दिसंबर को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह वेंटिलेटर पर थे।
बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने शोक जताते हुए ट्वीटर पर लिखा, “अत्यंत दुख की बात है कि प्रख्यात साहित्यकार, चित्रकार, कार्टूनिस्ट और बच्चों की दुनिया के लिए कुछ अमर चरित्रों के निर्माता नारायण देबनाथ नहीं रहे। उन्होंने बंटुल द ग्रेट, हांडा-भोंडा, नॉनटे-फोंटे, ऐसे आंकड़े बनाए थे जो दशकों से हमारे दिलों में अंकित हैं।”
देबनाथ प्रसिद्ध बंगाली हास्य पात्रों ‘बंटुल द ग्रेट’, ‘हांडा भोंडा’ और ‘नोंटे फोन्टे’ के निर्माता थे। देबनाथ को 2021 में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2013 में बंगबिभूषण और साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उनका निधन निश्चित रूप से साहित्यिक रचनात्मकता और कॉमिक्स की दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है।