दिल्ली के श्मशान घाटों में सीएनजी चिता स्थानों के अत्यधिक उपयोग के कारण उनका रखरखाव ठीक से नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते बीते दिनों पंजाबी बाग, सुभाष नगर और सराय काले खां के श्मशान घाटों में लगी सीएनजी चिता मशीनें खराब हो गईं। सोमवार को सीएनजी चिता स्थानों पर अंतिम संस्कार रोकने पड़े थे। इसकी वजह से पहले जहां अंतिम संस्कार के लिए छह सात घंटे इंतजार करना पड़ता था, वह अब बढ़कर दस से 12 घंटे हो गया है।
12-12 घंटे चल रहे हैं सीएनजी फरनेंस : श्मशान घाट संचालकों ने बताया कि आम दिनों में सीएनजी फरनेंस दिन में 4-5 घंटे चलती है, लेकिन अब 12-12 घंटे सीएनजी फरनेंस का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मशीन कई बार अत्यधिक गर्म हो जाती है, जिस कारण फरनेंस खराब हो जाती है। दिल्ली के विभिन्न श्मशान घाटों पर प्रतिदिन 650 से अधिक कोरोना शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, जिसमें से लगभग 350 शवों का अंतिम संस्कार सीएनजी फरनेंस पर किया जाता है।
श्मशान-कब्रिस्तान बढ़ाने की मांग पर जवाब मांगा
कोरोना से बड़ी संखया में हो रही मौतों के कारण अंतिम संस्कार और दफनाने के लिए जगह कम पड़ने लगी है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को श्मशान और कब्रिस्तान की संख्या अस्थायी तौर पर बढ़ाने की मांग पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने केंद्र व दिल्ली सरकार के अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सभी नगर निगमों को नोटिस जारी किया है। बेंच ने वकील प्रत्यूष प्रसन्न की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में कहा गया है कि श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। कब्रिस्तान में जगह कम पड़ने लगी है।