बता दें कि लाल किले पर हिंसा के बाद से ही दीप सिद्धू गायब था, जिसे कई दिनों की तलाश के बाद मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कहा कि दीप सिद्धू द्वारा लगाए गए आरोपों और किए गए खुलासों का सत्यापन किया जाएगा। वहीं किसान नेताओं ने कहा कि वे जब तक दीप सिद्धू के बयानों को नहीं सुनते और पढ़ते तब तक वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (BKU) दोआबा समूह के अध्यक्ष मंजीत राय ने कहा कि जब तक हम आधिकारिक तौर पर यह नहीं जानते कि दीप सिद्धू ने पुलिस से क्या कहा है, तब तक हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते।
अधिकारियों ने कहा कि दीप सिद्धू ने कहा कि उसका कोई बुरा इरादा नहीं था और जैसे सभी वहां जा रहे थे तो वह भी चला गया था। सिद्धू ने शुरू में 25 जनवरी को सिंघू बॉर्डर पर अपनी मौजदूगी से इनकार किया लेकिन जब उसे पुलिस ने सबूत दिखाया तो उसने माना कि वह किसान प्रदर्शन स्थल पर था लेकिन वह वहां से थोड़ी दूरी पर सोया था। दीप ने दावा किया कि जब वह 26 जनवरी को जगा तो उसके मोबाइल फोन पर लोगों के लालकिले की ओर बढ़ने के बारे में तीन मिस्ड कॉल और संदेश थे,तो वह भी अपने तीन दोस्तों के साथ वहां पहुंच गया। उसने कहा कि वह पूर्वान्ह्र 11 बजे अपने दोस्तों के साथ गाड़ी से सिंघू बार्डर से चला और एक बजे लाल किला पहुंचा। उसने कहा कि हिंसा फैलने के बाद वह उसी गाड़ी से लौट आया।
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को सिद्धू से उसके ठिकानों और 26 जनवरी को लालकिले में कृत्य के बारे में पूछताछ की। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को सिद्धू को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। उससे एक दिन पहले उसे लालकिला हिंसा के सिलसिले में करनाल बाइपास से गिरफ्तार किया गया था।