उत्तर प्रदेश में जल्द भगवान परशुराम (Lord Parshuram) के नाम पर ‘प्रशुराम सर्किट’ (Parshuram Circuit) का निर्माण किया जायेगा। उत्तर प्रदेश लोक विकास निर्माण विभाग (Public Development Works Department) राज्य में 500 किलोमीटर लंबा परशुराम सर्किट विकसित करने जा रहा है, जो छह जिलों से होकर पांच प्रमुख तीर्थस्थलों को जोड़ेगा। यह परियोजना राज्य में भाजपा सरकार के प्रमुख राजनीतिक एजेंडे के तहत 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश पर शुरू की जाएगी। परशुराम सर्किट के अलावा, राज्य पहले से ही अयोध्या 84 कोसी मार्ग, बुद्ध और रामायण सर्किट सहित कई धार्मिक सर्किटों पर काम कर रहा है।
परशुराम सर्किट हिंदुओं की आस्था के केंद्र नैमिष धाम, महर्षि दधीचि स्थल मिश्रिख, गोलगोकर्णनाथ, गोमती उदगाम, पूर्णागिरी मां के मंदिर की सीमा को बाबा नीम कोरोरी धाम और जलालाबाद परशुराम की जन्मभूमि से जोड़ेगा। यह सर्किट यूपी के छह जिलों- सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर और फरुखाबाद से होकर गुजरेगा। परशुराम तीर्थ सर्किट के पूरे मार्ग में सभी तीर्थ स्थलों का विवरण और चित्रण होगा।
पीडब्ल्यूडी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के साथ मिलकर इस कॉरिडोर का निर्माण करेगा। इंडिया टुडे से बात करते हुए, अशोक कनौजिया, चीफ इंजीनियर एनएच, पीडब्ल्यूडी, ने कहा, “प्रस्ताव पेश किया गया और जल्द ही सर्किट को पूरा कर लिया जाएगा। परशुराम तीर्थ यात्रा के प्रस्ताव को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी चर्चा हो चुकी है। मंजूरी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।”