भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहते हैं और इनकी चर्चा भारत में ही नहीं दुनिया के हर कोने में होती है,. वैसे आपको मालूम ही होगा कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. पीएम मोदी ने 2014 से प्रधानमंत्री का पद संभाला और केन्द्र की राजनीति में कदम रखा और तभी से उनकी लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ता ही गया है.
दुनिया का हर व्यक्ति उनके बारे में जानना चाहता है और यह लाज़िम भी है. हालांकि हमेशा से मीडिया में उनके निजी जिंदगी से जुड़ा सबसे बड़ा सवाल जो कि वो ये है कि उन्होंने अपनी पत्नी जशोदाबेन को आखिर क्यूँ छोड़ा पूछती रहती है. जिसका जवाब अब मोदी ने दे दिया है. तो आइए जानते है कि इसके पीछे का कारण क्या था।
आपको बता दें कि जब मोदी 17 साल के थे तब उनका विवाह गुजरात के उंझा के नज़दीक ब्रह्मवाड़ा गांव में 15 साल की जशोदाबेन से हुआ था. उनकी बारात पूरे धूमधाम से निकली थी और ब्रह्मवाड़ा गांव में पूरे दो दिन रुकी थी. जानकार के मुताबिक बता दें कि उनकी शादी गुजरात के पूरे रीति रिवाज के साथ हुई थी, इसके बाद मोदी अपनी दुल्हन को घर भी ले आए थे.
ऐसा कहा जाता है कि पीएम मोदी का शुरू से ही त्यागी और संन्यासी स्वभाव के थे. उनका मन घर परिवार में बिल्कुल भी नहीं लगाता था. उनको देश के मुद्दे और राजनीति आदि में ही रुचि होती थी. उन्होंने कभी परिवार बढ़ाने और चलाने की नहीं सोची. उनकी शादी के बारे में ये भी बताया जाता है कि मोदी शादी नहीं करना चाहते थे लेकिन परिवार वालों के दबाव में उन्होंने विवाह कर लिया था।
बाद में नरेन्द्र मोदी एक युवक के रूप में अपनी राह तलाशते हुए राष्टीय स्वयंसेवक संघ से टकरा गए. जिसके बाद उन्हें लगा कि जैसे उनको अब मंजिल मिल गई है. संघ का अनुशासन, देश प्रेम की भावना, सेवा भाव का संदेश मोदी को भा गया. उन्होंने संघ का कार्यकर्ता बनना स्वीकार कर लिया और अपना आगे का जीवन गृहस्थ न होकर संन्यासी और देश सेवक के रूप में चलाने का लक्ष्य निभाया।