दुर्गा पूजा (Durga Puja) का त्योहार नजदीक है और कोलकाता (Kolkata) में त्योहार की तैयारियां जोरों पर हैं। कोलकाता की दुर्गा पूजा विश्व प्रसिद्ध है और इसे 2021 में यूनेस्को (UNESCO) की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में भी शामिल किया गया था। हर साल, कोलकाता दुर्गा पूजा पंडालों में एक नई थीम लाता है, जो अपने तरीके से अनोखे होते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के उत्सव को ध्यान में रखते हुए, दक्षिण कोलकाता के धाकुरिया में बाबूबगान सरबजनिन दुर्गोत्सव पूजा पंडाल (Babubagan Sarbojanin Durgotsav Puja Pandal) एक अनूठा पंडाल लेकर आया है जो आजादी के बाद से जारी किए गए हजारों सिक्कों से बना है।
इस साल के दुर्गा पूजा पंडाल की थीम ‘मां तुझे सलाम’ (Maa Tujhe Salaam) है। इस पूजा पंडाल की थीम के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों और महान हस्तियों को दर्शाया गया है। देश की आजादी के 75 वर्ष की स्मृति के माहौल में मां दुर्गा का स्वागत करते हुए देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। इस बार बाबूबगान सरबजनीन दुर्गा पूजा 61वां वर्ष मना रही है।
कॉन्सेप्ट मेकर और पूजा कमेटी की कोषाध्यक्ष प्रो सुजाता गुप्ता ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया, “मां तुझे सलाम पंडाल का थीम है। माँ का अर्थ है ‘दुर्गा माँ’ और इसका अर्थ ‘भारत माता’ भी है। हम भारत की आजादी के 75 वर्ष मना रहे हैं। यह पंडाल आजादी के बाद से जारी हजारों स्मारक सिक्कों से बना है। 1947 से अब तक महत्वपूर्ण अवसरों पर कई स्मारक सिक्के जारी किए गए हैं। हमने ऐसे सिक्के एकत्र किए हैं और उनसे पंडाल को सजाया है।”
मूर्ति को एक कॉइन म्यूजियम में रखा जाएगा, जहाँ सिक्कों पर दुर्गा मां की मूर्तियां अंकित होगी। इस पंडाल में लगभग 150 सिक्कों का प्रयोग किया गया है, जिसे पूरा करने में करीब दो महीने का समय लगा। इसमें करीब 30-40 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।