ओडिशा (Odisha) के सिमिलिपाल नेशनल पार्क (Similipal National Park) में एक दुर्लभ दृश्य में एक काले बाघ (Black Tiger) को देखा गया। ट्विटर पर पोस्ट की गई 15 सेकंड की क्लिप में इसे एक पेड़ पर खरोंच के निशान छोड़ते देखा गया। इंडियन फॉरेस्ट सर्विस ऑफिसर (Indian Forest Service Officer) परवीन कस्वान (Parveen Kaswan) ने क्लिप शेयर करते हुए लिखा, “भारत के काले बाघ। क्या आप जानते हैं सिमलीपाल में सुडो मेलेनिस्टिक बाघ पाए जाते हैं। वे जेनेटिक म्यूटेशन और अत्यधिक दुर्लभ के कारण हैं।”
काले या सुडो-मेलेनिस्टिक बाघ (Pseudo- Melanistic Tiger)- सफेद या सुनहरे रंग की हल्की बैक्ग्रौंग पर विशिष्ट डार्क धारी पैटर्न के साथ – दुर्लभ हैं और आज तक केवल सिमिलीपाल में ही कैमरे में कैद हुए हैं। मेलेनिस्टिक बाघों की काली धारियों के पीछे का कारण म्यूटेशन है। ये बंगाल टाइगर हैं जो एक विशेष जीन में सिंगल बेस म्यूटेशन के साथ हैं। इस म्यूटेशन के कारण बाघों की विशिष्ट काली धारियां बढ़ जाती हैं और नारंगी रंग की बैकग्राउंड में फैल जाती हैं।
वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं कि सिमलीपाल बाघ एक छोटी संस्थापक आबादी से आया हो सकता है और जन्मजात होता है। ये बाघ पूर्वी भारत में एक अलग क्षेत्र में रहते हैं और उनके और अन्य बाघ आबादी के बीच इंटरैक्शन असामान्य है। ऐसी आबादी कम समय में भी विलुप्त होने की चपेट में है।