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अक्सर लोग बेजुबान जानवर को मारते पीटते दिखाई देते हैं। वो कुछ बोल नहीं सकते तो इसका मतलब यह नहीं होता कि उनमें किसी भी प्रकार की भावना नहीं होती या फिर उन्हें दर्द नहीं होता या फिर उन्हें कुछ समझ नहीं आता। लेकिन यह सभी बातें गलत है। हमारे सामने कई बार ऐसी तस्वीरें सामने आती है जिसे देखकर हम यह कह सकते हैं कि इंसान से ज्यादा जानवरों में भावना होती है। एक ऐसी ही तस्वीर बिहार के सासाराम से आ रही है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

बिहार के सासाराम के एक निजी क्लीनिक में एक ऐसी घटना घटी है जिसे देखकर सब शौक तो है ही साथ ही एक मां का अपने बच्चे के प्रति स्नेह देख दंग भी है। आमतौर पर क्लीनिक में इंसान अपना इलाज कराने के लिए जाते हैं लेकिन बिहार के सासाराम के एक निजी क्लीनिक में इस बार 1 घायल मादा बंदर अपने बच्चे को लेकर क्लीनिक पहुंची। माता बंदर के सिर पर चोट लगी थी और उसके बच्चे के पैर पर चोट लगी थी। माता बंदर अपने बच्चे को अपनी छाती से चिपकाए क्लीनिक के सामने रुकी और डॉक्टर को अपने इशारे से समझाने की कोशिश करने लगी।

सासाराम के शाहीजुमा इलाके में एम.एस क्लीनिक में उस वक्त डॉक्टर अहमद मौजूद थे। मादा बंद क्लीनिक के अंदर आना चाहती थी। जिसका इशारा वो कर रही थी। इसके बाद डॉ. ने मादा बंदर का इशारा समझा और लोगों को जगह बनाने को कहा इसी बीच माता बंदर अपने बच्चे को सीने से लगाए क्लीनिक के अंदर घुसे और बेंच पर बैठ गई। इसके बाद डॉ अहमद ने मादा बंदर और उसके बच्चे का इलाज शुरू किया।

डॉक्टर ने बंदर और उसके बच्चे के जख्म की जांच की। जांच के बाद उन दोनों के जख्मों को साफ किया और फिर उनकी मरहम पट्टी की। इसके बाद डॉ अहमद ने दोनों को टिटनेस का इंजेक्शन भी लगाया। इस दौरान मादा बंदर और बच्चा पूरी तरह शांत नजर आए और पूरी तसल्ली से अपना और अपने बच्चे का इलाज करवाया।

इस घटना का पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में घटी घटना अपने आप में अनोखी है। बता दे इलाज के बाद डॉक्टर अहमद ने क्लीनिक आए दूसरे मरीजों से जगह बनाने को कहा, जिससे मादा बंदर अपने बच्चे के साथ आराम से निकल सके लोग जब साइड हो गए। और फिर मादा बंदर अपने बच्चे को लेकर चुपचाप वहां से चली गई। जिसे देख लोग भी दंग रह गए हैं। वायरल इस वीडियो पर लोग अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

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