Ms-dhoni
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रांची: भारत के महसूर क्रिकेट खिलाडी और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के माता-पिता कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उन्‍हें रांची के पल्‍स सुपर स्‍पेशियलिटी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। धोनी के पिता पान सिंह और माता देविका देवी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के फौरन बाद उन्हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। इस वक़्त महेंद्र सिंह धोनी अपने परिवार से दूर है, फिलहाल वो आईपीएल में चेन्‍नई सुपर किंग्‍स की कप्‍तानी कर रहे हैं। देश में कोरोना के मामले काफी तेज़ी से बढ़ रहे है। झारखंड में भी कोरोना वायरस के कारण फैला संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है। हालाँकि स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए झारखंड सरकार प्रदेश में लॉकडाउन लगाने का ऐलान कर चुकी है। धोनी के माता पिता की देख रेख कर रहे डॉक्टर्स का कहना है की उनकी स्थिति सामान्य है इसके अलावा उनदोनों के शारीर में ऑक्सीजन लेवल भी ठीक है। और तो और स्कैन में ये पाया गया है की अब तक उनके फेफड़ो में संक्रमण नहीं पंहुचा है। डॉक्टर्स ने उम्मीद जताई है कि अगले कुछ दिनों में धोनी के पिता पान सिंह और माता देविका देवी संक्रमण मुक्त हो जाएंगे।

झारखंड में लागू है लॉकडाउन

झारखंड में कोरोना वायरस का कहर जारी है और इस बीच राज्‍य सरकार ने कोरोना चेन को तोड़ने के लिए एक सप्ताह का लॉकडाउन लगा दिया है। प्रदेश सरकार ने इस लॉकडाउन को ‘स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह’ का नाम दिया गया है। सरकार ने 22 अप्रैल सुबह 6 बजे से 29 अप्रैल सुबह 6 बजे तक के लिए राज्य में लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। सीएम हेमंत सोरेन ने लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण का चेन ब्रेक करना जरूरी है। हमारी प्राथमिकता जीवन और जीविका दोनों सुरक्षित करना है। इसलिए राज्य में ‘स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह’ लागू करने का निर्णय लिया गया है. विश्वास है इस कदम से हम कोरोना चेन को तोड़ पाएंगे।
बता दें कि झारखंड में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण से 46 और मरीजों की मौत हो गयी जिससे राज्य में मृतक संख्या बढ़कर 1502 हो गयी है। इस बीच कोरोना संक्रमण के 4401 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 167346 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में 167346 संक्रमितों में से 135256 अब तक ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। इसके अलावा 30588 अन्य कोरोना संक्रमितों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है।