लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
सोहनलाल द्विवेदी द्वारा लिखी गयी इस कविता का प्रमाण आये दिन हमारे सामने आता रहता है। जहां कई ऐसे लोग हमारे सामने आते हैं जो अपने दृढ निश्च्य से अपने सपनों को पूरा करते हैं। ऐसा ही एक और कहानी आज हमारे सामने आई है, जो बिहार से ब्राजील तक देश को गर्वान्वित महसूस करवाय है। बिहार से ब्राज़ील तक अपने नाम का डंका बजवाने वाले रितिक आनंद न तो सुन सकते हैं और न ही बोल सकते हैं लेकिन फिर भी आज देश उनपर गर्व कर रहा है। रितिक ने ब्राजील में आयोजित 24वें समर डेफ बैडमिंटन टूर्नामेंट में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता है।
बिहार के हाजीपुर के रहने वाले रितिक आनंद ने ब्राजील में तिरंगा फहराया है। उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया है। रितिक आनंद ने ब्राजील में आयोजित 24वें समर डेफ बैडमिंटन टूर्नामेंट (24th Summer Deaf Badminton Tournament) में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतकर तिरंगा लहराया। उन्होंने इस टूर्नामेंट में टीम इवेंट में भी पहला स्वर्ण पदक हासिल किया। इस मैच में रितिक ने ब्राजील, चीन, टर्की, फ्रांस को हराने के बाद फाइनल मैच में जापान को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया है। जीत की खबर सुनते ही रितिक आनंद के घर पर जश्न का माहौल है।
कुछ महीनों पहले ही दिल्ली के नेहरू स्टेडियम में कई राज्यो के बैडमिंटन खिलाड़ियों का ट्रायल हुआ था। जिसमें बिहार के हाजीपुर के रहने वाले 18 वर्षीय रितिक आनंद का चयन डेफ ओलंपिक के लिए किया गया था। रितिक भले ही बोल और सुन नहीं सकते हैं लेकिन उन्होंने अपनी कमजोरी को कभी खुदपर हावी होने नहीं दिया।
रितिक का खेल सफर इतना सुनहरा है कि जब उनका सिलेक्शन ओलम्पिक के लिए हुआ तो उनसे ब्राजील से गोल्ड मेडल लाने की संभावना बेहद बढ़ गयी। रितिक इससे पहले चीन में आयोजित विश्व डेफ बैंडमिटन प्रतियोगिता 2019 में वैशाली के रितिक आनंद ने बालक वर्ग के डबल और मिक्स डबल में दो सिल्वर मेडल जीत चीन के ताइपे में तिरंगा लहरा कर अपने देश का नाम रोशन किया था। साथ ही अपने सेगमेंट के तीनों format में गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं। जब रितिक का चयन हुआ तो वैशाली जिले के बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल, सचिव जय प्रकाश, कोषाध्यक्ष दीपक जायसवाल सहित कइयों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। पिता उदय कुमार ने बताया कि वो फिजीकल फिटनेस के लिए बैडमिंटन खेलने आते थे। तब साथ मे रितिक भी आया करते थे। और तब ही से बैडमिंटन में उनकी जिज्ञासा जगी और वे इससे खेलना शुरू कर दिए।
1 मई 2022 से शुरू हुए बैडमिन्टन का डेफ ओलंपिक 15 मई 2022 तक ब्राजील में होना है। जिसमें रितिक आनंद को भारत का नेतृत्व करने का मौका मिला। जिसको उन्होंने बखूबी निभाया है। और देश को पहला गोल्ड दिलाया है। जो बिहार और देश का नाम रौशन कर रहे हैं।