बिहार के सभी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) को उच्च स्तरीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित किया जाएगा। 4606.97 करोड़ रुपये की इस योजना को दो चरणों में पूरा किया जयोगा। पहले चरण में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 60 और दूसरे चरण में 2022-23 में 89 कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि श्रम संसाधन विभाग के सात निश्चय-2 (2020-2025) के तहत ‘‘युवा शक्ति- बिहार की प्रगति’’ के तहत संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य के प्रत्येक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को उच्च स्तरीय सेंटर ऑफ एक्सेलेंस के तौर पर स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
सभी आईटीआई में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को देने के लिए नई मशीनें स्थापित की जाएंगी। इसको लेकर टाटा टेक्नोलॉजी के साथ जल्द करार होगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने में जो 4607 करोड़ खर्च होने हैं, उसका 88 प्रतिशत हिस्सा टाटा टेक्नोलॉजी ही देगी। शेष 12 प्रतिशत राशि 552 करोड़ 84 लाख का वहन राज्य सरकार करेगी। इनमें पहले चरण में 262 करोड़ 68 लाख और दूसरे चरण में 389 करोड़ 66 लाख राज्य सरकार खर्च करेगी, जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। कैबिनेट से अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने इसकी जानकारी दी। कुल 14 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी सहमति दी है।
बैठक की मुख्य बातें
- मंत्रिपरिषद द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तहत राजगीर जू सफारी के स्थायी एवं सुचारू संचालन के लिए विभिन्न कोटि के कुल 29 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।
- नेचर सफारी, राजगीर के स्थायी एवं सुचारू संचालन के लिए विभिन्न कोटि के कुल 38 पदों के सृजन की स्वीकृति एवं विभिन्न कोटि के कुल 35 वाहनों के क्रय की स्वीकृति दी गई।
- ईको-पर्यटन के विकास के निमित्त ईको-पर्यटन संभाग की स्थापना एवं इस संभाग के लिए विभिन्न कोटि के कुल 224 पदों के सृजन की स्वीकृति मंत्रिपरिषद द्वारा दी गई।