बेरोजगार हुए युवकों के लिए अच्छा अवसर है अगर उनके पास नया आईडिया है तो सरकार उन्हें कृषि उद्योग लगाने के लिए पैसा देगी पहले से अगर कोई कृषि उद्योग चला रहा है तो वह भी इसका लाभ उठा सकते हैं लेकिन उद्योग पारंपरिक नहीं बल्कि नवाचार आधारित होना चाहिए योजना से बिहार में हर साल 40 कृषि उद्योग लगेंगे जी हां योजना के अनुसार इच्छुक आवेदकों को पहले ट्रेनिंग दी जाएगी इसके बाद उन्हें उद्योग लगाने का पैसा मिलेगा आवास और खाने पीने की व्यवस्था के साथ अलग से स्टाइपेंड मिलेगा इस योजना के तहत दो कंपोनेंट हैं जिसमे ट्रेनिंग के दौरान युवकों को 10 हजार स्टाइपेंड मिलेगा ।
आईडी अगर केंद्र ने चेक किया तो उन्हें 500000 तक की राशि सहायता के रूप में मिलेगी इसके बाद इच्छुक लोगों को ट्रेनिंग के दौरान 25000 हजार मिलेंगे और बाद में उद्योग लगाने के लिए 2500000 तक की सहायता राशि प्रात होगा इस नई योजना के लिए देश के जिन 40 संस्थानों का चयन हुआ है उसमें राज्य का बिहार कृषि विश्वविद्यालय भी है बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुल 40 लोगों का चयन कर सकता है 40 लोगों का चयन कर सकता है विश्वविद्यालय को ट्रेनिंग देने में कोई रोक नहीं है विश्वविद्यालय की टीम को लगता है कि युवक का आईडिया बिल्कुल नया है तो काफी अधिक संख्या में भी युवकों को ट्रेनिंग दे सकता है।
सभी को इस दौरान स्टाइपेंड भी दे सकता है लेकिन केंद्र सरकार उन में से 40 का ही चयन एक साल में करेगी अगर विश्वविद्यालय द्वारा भेजी गई सूची में 30 लोगों का ही चयन हुआ है तो यहां से फिर दूसरे लोगों का ट्रेनिंग देकर भेजा जा सकता है शेष 10 प्रतिशत केंद्र दूसरी सूची चेक कर सकता है आपको बता दें कि कुलपति बिहार विश्वविद्यालय के डॉ आर के सुहाने ने कहा है कि योजना का उद्देश्य रोजगार का अवसर बढ़ाने के साथ लोगों को रोजगार प्रोवाइडर बनाना है राज्य में कृषि क्षेत्र में अधिक संभावनाएं हैं यहां के लिए जैविक खेती पशुपालन कृषि प्रसार नई तकनीक कृषि आधारित आपूर्ति व भंडारण और कृषि स्वास्थ्य जैसे विषयों का चयन हुआ है योजना पर काम शुरू हो चुका है पहले साल के कोटे में बिहार के 18 युवकों का चयन हुआ है सिर्फ रिक्तियों के लिए फिर से ट्रेनिंग दी जाएगी हर साल 40 लोगों को सरकार सहायता देगी।