देश में विकास का काम काफी तेजी से हो रहा है। विकसित हो रहे राज्यों में बिहार का भी नाम शामिल है। और इस विकास के काम में कई पेड़ भी काटते हैं। राजधानी पटना सहित कई राज्यों और जिलों में भी विकास कार्य के नाम पर सैकड़ों पेड़ काटे गए हैं। लेकिन पर्यावरणविदों का ऐसा मानना है कि अगर सही योजना बनाई जाती तो इन बहुमूल्य पेड़ों को बचाया जा सकता था। लेकिन अब एक ऐसी खबर सामने आ रही है जो लोगों और पर्यावरणविदों को खुश कर देगा। अच्छी खबर यह है कि सासाराम में एक ऐसा प्लान बनाया गया है कि सैकड़ों पेड़ कटने से बच गए हैं।
यहां सड़कों के चौड़ीकरण के लिए काम चल रहा है। और इस चौड़ीकरण के तहत सैकड़ों पेट काटे जाने थे लेकिन ऐसा प्लान तैयार किया गया कि 828 पेड़ कटने से बच गये हैं। सासाराम शहर की पुरानी जीटी रोड के एसपी जैन कॉलेज से कुम्हऊ गेट तक सड़क चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण का काम चल रहा है। इस सड़क पर करीब 922 पेड़ ऐसे हैं जो विकास कार्य में बाधा बन रहे हैं। लेकिन, खुशी की बात यह है कि इन 922 पेड़ों में से 752 पेड़ों को वन विभाग की पहल पर काटने के बजाया जा चूका है।
और 76 पेड़ों को वन विभाग के देखरेख में बिना क्षति पहुंचाए इन पेड़ों को बराडीह-मोकर नहर चार्ट भूमि पर स्थानांतरित किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार आधुनिक तकनीक से 76 वृक्षों को पथ निर्माण विभाग द्वारा नई दिल्ली के एक एजेंसी के माध्यम से ट्रांसलोकेट किया जा रहा है। इन वृक्षों को सुरक्षित बराडीह-मोकर नहर चार्ट भूमि पर ले जाकर लगाया जा रहा है। बता दें कि स्थानांतरित होने वाले पेड़ों की डालियां काटी जा रही हैं।
इस काम के लिए 10 फीट से नीचे तक गड्ढा कर पुराने पेड़ की जड़ को सुरक्षित किया जा रहा है। इसके लिए पहले पेड़ की जड़ के आसपास थोड़ी सी खुदाई कर पानी डाला जा रहा है। जड़ को सुरक्षित रखते हुए धीरे-धीरे खुदाई की जा रही है, इसे टाट से ढका जा रहा है। बाकि बचे पेड़ों को काटना पड रहा है।