म्यूजियम, नाम सुनते ही आपके दिमाग में क्या कुछ नहीं आता है। बच्चों को घूमने की जगह जहाँ उनका मन भी लगे और उनका नॉलेज भी बढे। और जब बिहार का इतिहास इतना समृद्ध हो तो कोई क्यों न इस इतिहास को जानना चाहेगा। ऊपर से बिहार की राजधानी पटना में बिहार के गौरवशील इतिहास को समेटे हुए दो म्यूजियम मौजूद है। लेकिन एक ही दिन में इन दोनों म्यूजियमों का को घूमना मुमकिन नहीं है। क्योंकि पटना के ट्रैफिक का हाल किसी से छुपा नहीं है। लेकिन बिहार सरकार अपनी जनता के लिए एक सौगात लेकर आ रही है जिससे आम जनता एक ही दिन में दोनों म्यूजियम घूम भी सकते हैं और पटना के ट्रैफिक से भी बच सकते हैं।
बिहार में टूरिज्म को बढ़ावा मिले इसके लिए नीतीश कुमार राज्य के धरोहरों को संजोकर रखने के प्रयास में है। बिहार में जितने भी टूरिस्ट प्लेसेस हैं वहां बिहार सरकार पर्यटकों के लिए कई सुविधा मुहैया करवा रही है। इसी कर्म में अब राजधानी पटना के बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम के बीच सब-वे बनाया जायेगा।
पटना में बिहार का सबसे बड़ा सब-वे बनने वाला है। जो पटना म्यूजियम और बिहार म्यूजियम को जोड़ेगा। जापानी स्ट्रक्चर पर 15 एकड़ में फैला बिहार म्यूजियम देश-विदेश से आए पर्यटक को के साथ साथ आम जनों को बिहार की सभ्यता और संस्कृति से परिचय करवाने में अपना योगदान दे रही है। वैसे ही लगभग 104 सालों से पटना म्यूजियम भी बिहार के वृद्ध इतिहास को समेटे लोगों को अपना परिचय दे रही है। और ये दोनों म्यूजियम खुद में किसी धरोहर से काम नहीं है। इसीलिए राजधानी पटना के इन दोनों म्यूजियमों को एक दूसरे से जोड़ा जायेगा। कोरोना की वजह से इस सबवे का काम रुका हुआ था। लेकिन अब जब कोरोना संक्रमण की रफ़्तार काम हुई है तो सारे रुके हुए काम अपनी रफ़्तार पकड़ रही है। इस में से एक हैं ये सब-वे टनल।
इन दोनों म्यूजियमों को जोड़ने वाला ये अंडरग्राउंड टनल पटना के मुख्य मार्ग यानी बेली रोड के नीचे से गुजरता हुआ बनेगा। इसका मतलब साफ है कि अगर आप बिहार म्यूजियम घूमने जाते हैं तो पटना म्यूजियम घूमने जाने के लिए आपको किसी ऑटो या फिर बस का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। और न ही पटना की ट्रैफिक में सर दर्द करवाना पड़ेगा। आप सीधे इस सुरंग के माध्यम से बिहार म्यूजियम होते हुए पटना म्यूजियम में जा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि ये टनल कितना बड़ा होगा और लोगों को अपनी और कितना आकर्षित करेगा।
बिहार के इस सब-वे कनेक्शन की कुल लंबाई 1.4 किलोमीटर होगी। दोनों म्यूजियमों को कनेक्ट करने वाला ये टनल खुद में एक म्यूजियम होगा यानी इस टनल में एक तरह की आर्ट गैलरी होगी, जिसके दीवारों को विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों से सजाया जाएगा। जिसमें भित्ति चित्र और बिहार की सु प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग शामिल है। इस सबवे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों म्यूजियमों का जायजा लिया, वहां चलाए जा रहे अपग्रेडेशन और एक्सटेंशन कार्यों का निरिक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पटना म्युजियम के ग्राउंड प्लान, पटना म्यूजियम सब-वे लेबल प्लान के साथ पटना म्यूजियम और बिहार म्युजियम की अंडरग्राउंड कनेक्टिविटी को लेकर प्रस्तावित सब–वे की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने पटना म्यूजियम और बिहार म्यूजियम को जोड़ने वाले अंडरग्राउंड टनल बनाने की योजना की विस्तृत जानकारी ली और निर्माण कार्य को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
दिशा निर्देश देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि लोग बड़ी संख्या में दोनों म्यूजियम घूमने आते हैं। और भविष्य में इसकी संख्या बढ़ेगी। इसी को ध्यान में रखते हुये यहां गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था करें जिससे यहां आने वाले लोगों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
आपको बता दें कि पटना म्यूजियम और बिहार म्यूजियम के बीच बनने वाले 1.4 किमी लंबे टनल के निर्माण की जिम्मेदारी पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (PMRCL) को दी जा सकती है। क्योंकि इस टनल का निर्माण बहुत ही टेक्निकली होने वाला है। इसीलिए राज्य सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी इस पर विचार कर रही है। इस टनल का रास्ता बेली रोड पर पटना मेट्रो प्रोजेक्ट को भी क्रॉस करेगा। इसी को देखते हुए इस टनल के बनने में किसी तरह की तकनीकी दिक्कत न हो इसके लिए पटना मेट्रो को इसका जिम्मा सौंपा जा सकता है।
दोनों संग्रहालयों को जोड़ने वाला टनल पटना म्यूजियम परिसर से शुरू होगा। यह विद्यापति मार्ग, तारामंडल, आयकर गोलंबर, पटना वीमेंस कॉलेज होते हुए बिहार म्यूजियम के परिसर में निकलेगा। पटना मेट्रो का पहला रूट, दानापुर से पटना जंक्शन पर चलने वाली मेट्रो बेली रोड पर RPS मोड़ से पटना जंक्शन तक अंडरग्राउंड जाएगी। ऐसे में बेली रोड पर हाइकोर्ट से आयकर गोलंबर के बीच किसी जगह इस अंडरग्राउंड टनल को पटना मेट्रो का रास्ता क्रॉस करना होगा। तकनीकी दिक्कत को दूर करने के लिए पटना मेट्रो के साथ ही पथ निर्माण और नगर विकास विभाग के अधिकारी और इंजीनियर्स को निर्देश दिये गये हैं। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने टनल के ब्लूप्रिंट और तकनीकी बिंदुओं पर पहले ही अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है।
लगभग सवा सौ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस टनल को म्यूजियम का लुक दिया जायेगा। म्यूजियम घूमने आये लोग एक टिकट लेकर दोनों म्यूजियमों में घूम सकेंगे। प्रिंटिंग कलाकृतियों और अवशेषों से सजे इस टनल के रखरखाव का जिम्मा कला संस्कृति विभाग को दिया जाएगा।