बिहार सरकार अगले साल तक पुरे प्रदेश में कुल 250 मेगा वाट का बिजली का उत्पादन करेगा और इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2 हज़ार लोगों को रोज़गार भी मिलेगा। बिहार के नवीनकरण को लेकर सरकार इसे एक बड़ी उपलप्द्धि के रूप में देखा जा रहा है।
इस योजना के तहत बिजली कंपनी का चयन इसी महीने कभी भी किया जा सकता है। जिस भी कंपनी को ये कार्य मिलेगा उसे 25 साल तक बिहार में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन करना होगा और इस प्रक्रिया को अमली जामा इसी महीने पहनाया जा सकता है। सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन को लेकर फाइनेंसियल बिड पर फैसला इसी महीने की 13 तारिक को लिया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार इस परियोजना में करीब 1250 करोड़ रुपये निवेश होगा। इस परियोजना के लिए देश की बड़ी कंपनियों ने रूचि दिखाई है जिनमे खुश प्रमुख नाम है एनटीपीसी, सतलज जल विद्युत निगम, अवाडा इनर्जी व एसकेपीएल ने रुचि दिखायी है. इनमें से सभी कंपनियों ने राज्य सरकार को बिजली बेचने के लिए अपनी-अपनी कीमत की घोषणा कर दी है.
अब तक सबसे से कम कीमत सतलज जल विद्युत निगम का है. उसने 200 मेगावाट बिजली उत्पादन कर उसे तीन रुपये 11 पैसे प्रति यूनिट की दर से राज्य सरकार को देने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि, चारों कंपनियों की कीमतों पर अंतिम निर्णय 13 अगस्त को होने की संभावना है.
ब्रेडा के निदेशक आलोक कुमार ने इसे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है. उन्होंने कहा कि इसी महीने सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाली कंपनी का चयन हो जायेगा. इसके बाद बिजली को खरीदने संबंधी एग्रीमेंट होगा.
चयनित कंपनी 250 मेगावाट बिजली उत्पादन एक से अधिक जगहों पर कर सकती हैं, लेेकिन एक स्थान पर कम- से- कम 50 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करना अनिवार्य होगा. चयनित कंपनी को ही सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के स्थल को तय करने की जिम्मेदारी दी गयी है. वे इसके बारे में सूचना देंगी, साथ ही डीपीआर सहित अन्य जरूरी जानकारियां साझा करेंगी.