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Bihar Floods

जैसा की पिछले कई दिनों से बिहार में बारिश और बाढ़ की स्थिति लगातार बनी हुई है ऐसे में अब लगता है की सहायता पहुंचाने की भी जल्द नौबत आ सकती है। इस बात से अब तक सभी वाकिफ होंगे की राज्य के कई सारे क्षेत्र बाढ़ से ग्रसित है। आपको बता दें कि मौसम विभाग ने भी बिहार में बारिश और बाढ़ की चेतावनी पहले से ही दे दी थी। विभाग के अनुसार 15 अगस्त तक हलकी और मध्यम बारिश होते रहेगी और राज्य के अंतर्गत सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को भी पार करते दिख सकता है। फिलहाल बिहार कि स्थिति को देख ऐसा लगता है मौसम विभाग अनुमान सही साबित हो रहा है।

दरअसल दो दिन पहले से ही नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गई थी। इसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि बंगाल की खाड़ी से होते हुए हिमालय से साइक्लोन सर्किल बिहार के मोतिहारी, अररिया, मधुबनी सुपौल, सीतामढ़ी सहित कई अन्य जिलों को प्रभावित कर रही है। बंगाल की खाड़ी से नमी बिहार के सभी जिलों में अब प्रवेश कर चुकी है। राज्य के कई जिले और गांवो में नदी का पानी घुस चूका है और हालात अब चिंताजनक होते जा रही है। कई क्षेत्रों के खेत-खलियान बुरी तरह से छतिग्रहस्त हो ही चुके है और ऐसे में उन इलाको में मौजूद पशुओं की भी हालात बुरी हो चली है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने राहत शिविर की योजना शुरू की है जिसके अंतर्गत सभी लोगो और जानवरो के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने बुधवार को राज्य के सभी बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और साथ ही नदियों के बढ़ते जलस्तर का भी जायजा लिया। जिसके बाद से गंगा नदी के निकट के सभी इलाको के लोगो को चेतावनी बरतने को कहा गया है। साथ ही गंगा किनारे के सभी जिला अधिकारीयों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है। अगर पटना की बात करें तो गंगा का रौद्र रूप यहाँ भी स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। लोगो की लापरवाही से पिछले दिनों पटना के सभी घाटो पर अच्छी खासी भीड़ उमड़ रही थी। ऐसे में पटना के गांधी घाट, कृष्णा घाट, एनआईटी घाट सहित सभी नदियों के आस पास के इलाको को बंद करने का आदेश दे दिया गया है।

वर्तमान स्थिति ऐसी है कि एक के बाद एक राज्य के सभी 38 जिलों में बारिश हो रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गुरुवार तक पटना के गंगा घाट पर देखा गया है कि हर दिन काफी तेज़ रफ़्तार में गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है । कई इलाको में अब नाव की भी ज़रूरत पड़ने लगी है। और तो और ऐसे में अब लोगो की जान पर भी खतरा मडराते दिख रहा है। लगता है आने वाले दिनों में स्थिति और भी विकराल हो सकता है।