निजी अस्पतालों को कोरोना के सरकारी किट बेचने में सकरा पुलिस ने पांच स्वास्थ्यकर्मियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मुजफ्फरपुर जिले के सकरा के सुस्ता मारकन गांव व शहर में सदर अस्पताल समेत कई जगहों पर शनिवार देर रात छापा मारा। छापेमारी के दौरान चार हजार एंटीजन किट समेत भारी मात्रा में पीपीई किट, ग्लव्स, सैनेटाइजर सहित अन्य जरूरी सामग्री जब्त की।
सबसे पहले सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियन लव कुमार के सुस्ता मारकन स्थित ससुराल से सामग्री बरामद की गई। लव को गिरफ्तार किया गया। उसकी निशानदेही पर सदर अस्पताल के ही लैब टेक्नीशियन मुकेश आनंद, दीपक व एम्बुलेंस कर्मी मिथिलेश कुमार व सकरा रेफरल अस्पताल के लैब टेक्नीशियन अवधेश कुमार सालस्कर को दबोचा गया। लव पूर्व में सकरा रेफरल अस्पताल में था। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार सभी किट चुरा घर ले जाते थे। वहीं से बेचते थे।वहीं सदर अस्पताल में 75 हजार एंटीजन किट की जांच शुरू कर दी गई है।
फर्जी फॉर्म भर बचा लेते थे किट, कई जिलों में बेचे
सकरा से लेकर आसपास के जिलों तक एंटीजन किट की कालाबाजारी हो रही थी। सदर अस्पताल में तैनात लैब टेक्नीशियन लव कुमार ने पूरा जाल फैला रखा था। सुस्ता स्थित ससुराल में उसका काम संजय देखता था। किन जिलों में कितनी किट देनी है, इसका पूरा काम संजय ही देखता है। पुलिस ने जब लव कुमार और दीपक से सख्ती से पूछताछ की तो ये बातें सामने आई हैं।
इधर, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि शहरी क्षेत्र के कलमबाग चौक, अघोरिया बाजार व जूरनछपरा के दर्जनों अस्पताल के निजी कंपाउडर से लैब टेक्नीशियन किट बेचते थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, तीन सौ से चार सौ किट की बिक्री होती थी। फिर निजी कंपाउडर लोगों के घर पर जाकर छह से सात सौ रुपये में कोरोना जांच करते थे। सदर अस्पताल व सकरा पीएचसी में जांच के लिए जो फॉर्म भरे जाते थे, उनमें फर्जी नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज कर एंटीजन किट बचाई जा रही थी। बिना मरीज की जांच किए निगेटिव रिपोर्ट जारी कर दी जा रही थी। जो किट बचती थी, उसे एम्बुलेंस के माध्यम से सुस्ता संजय ठाकुर के घर पहुंचा दी जा रही थी। जानकारी के अनुसार, पुलिस ने सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार से भी इस फर्जीवाड़े में पूछताछ की है। पुलिस उन ठिकानों की जानकारी भी जुटाने में लगी है, जहां एंटीजन किट छुपाकर रखी गई है।
सरकारी एम्बुलेंस से ससुराल भेजता था एंटीजन किट
लैब टेक्नीशियन लव कुमार सदर अस्पताल के एम्बुलेंस से हर दिन एंटीजन किट अपने ससुराल भेजता था। किट निजी नर्सिंग होम संचालको के हाथों बेची जाती थी। लैब टेक्नीशियन एक महीने से हर रोज किट लाकर बेचने का काम करता था। लैब टेक्नीशियन लव कुमार ससुराल में किट स्टोर कर एक हजार रुपये में बेचता था।
नर्सिंग होम के संचालक लेकर आते थे खरीदार
किट खरीदने के लिए वैशाली, मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर सहित आसपास के जिलों में संचालित नर्सिंग होम के संचालक व कर्मी खरीदकर ले जाते थे। जो एक एंटीजन किट की जांच में 2500 से लेकर 3000 रुपये तक लेते हैं। सकरा में भी निजी नर्सिंग होम वाले एंटीजन किट से जांच पर आर्थिक दोहन करते रहे। जांच रिपोर्ट नहीं देकर केवल मौखिक जानकारी देते रहे।
ट्रेनी डीएसपी सह सकरा थानाध्यक्ष ने छापेमारी की। सुस्ता मारकन गांव सहित शहर से काफी मात्रा में कोविड के इलाज में इस्तेमाल सामग्री जब्त की गई। पांच स्वास्थ्यकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है।
-मनोज पांडेय, डीएसपी पूर्वी