tejpratap and jagdanand singh
tejpratap and jagdanand singh

सामान्य दिनों में राजद के राज्य कार्यालय में नियमित रूप से आने वाले और राज्य में पार्टी गतिवधियों का सामने से नेतृत्व करने वाले जगदानंद सिंह पिछले चार दिनों से दिखाई नहीं दे रही हैं शहीद दिवस पर शहीदों की मूर्तियों पर बुधवार को माल्यार्पण करने भी नहीं आये I माना जा रहा है की तेज प्रताप यादव के हिटलर वाले बयान खफा हैं और अज्ञात वास पर चले गए है। इससे पहले 5 जुलाई को तेज प्रताप यादव के एक ऐसे ही बयान से नाराज़ होकर उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी I बाद में लालू यादव के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझ गया था लेकिन इस बार लगता है की जगदानंद सिंह ने मामले को दिल से लगा लिया है और लालू का मरहम भी काम नहीं कर रहा है I

जगदानंद सिंह न तो किसी से मिल रहे हैं ना किसी से समपर्क साध रहे हैं I राजद की ओर से कहा जा रहा ही की उनकी तबियत ख़राब है I पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक बुधवार को उन्हें पार्टी के बाकी पदाधिकारियों के साथ शहीद दिवस पर शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना था लेकिन उन्होंने ने इसे भी नज़रअंदाज़ किया। उनकी अनुपस्थिति में पार्टी के बाकी पदाधिकारियों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, मीडिया द्वारा पूछे जाने पर की जगदानंद कहाँ हैं तो राजद नेताओ द्वारा बताया गया की उनकी तबियत खराब है I सूत्रों की माने तो वे तेज प्रताप यादव द्वारा दिए गए बयान से आहात है I तेज प्रताप यादव ने राजद की छात्र बैठक में जगदानंद को हिटलर कहा था I

जगदानंद को राजद प्रमुख का बेहद करीबी और राजद में रणनीतिकारों की अगली पंक्ति का नेता गिना जाता है। चारा घोटाले में लालू जब जेल गए थे तो राबड़ी देवी सरकार को संभालने में उनकी अहम भूमिका थी। लालू परिवार के राजनितिक वारिस तेजस्वी यादव का भी उन्हें विशवास प्राप्त है I 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद जिस मकसद से लालू ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी सौपी थी उन्होंने उसे 2020 के विधानसभा चुनाव में काफी हद तक पूरा भी किया। खबर है की लालू परिवार द्वारा जगदानंद सिंह को मानाने का प्रयास जारी है और स्वयं लालू यादव ने उनसे बात की है , तेज प्रताप को भी समझाया गया है और हिदायत भी दी गयी है I जगदानंद सिंह को पार्टी के लिए अहम नेताओ में से एक बताया गया है