siksha vibhag bihar
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कोरोना काल के बाद राज्यभर में सरकारी स्कूल को खोलने की अनुमति बिहार सरकार ने दे दी है। शनिवार से 9 वि और 10 वि की भी कक्षाएं खुल गई है और 11 वि और 12 वि की कक्षाएं खुले हुए तीन सप्ताह हो चूका है। लम्बे समय के बाद स्कूल खुलने पर भी बच्चो की उपस्तिथि की जो रिपोर्ट शिक्षा विभाग के पास आई है वो काफी चिंताजनक है। केवल दस से पंद्रह फीसदी ही बच्चो की उपस्तिथि सभी स्कूलों में दर्ज़ की गई है।

चार महीने के बाद स्कूल खुलने के बावजूद बच्चो की उपस्तिथि मात्र दस से पंद्रह फीसदी है ये काफी चिंता का सबब बन गया है शिक्षा विभाग के लिए। स्कूल खुलने पर पहले शिक्षक नदारद पाए जाते थे लेकिन पिछले सप्ताह से शिक्षा विभाग ने औचक निरक्षण निगरानी मुहीम जारी कर बहुत हद तक इस दिक्कत को दूर किया है। अब शिक्षक तो स्कूल में उपस्तिथित है लेकिन बच्चे ही स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसलिए अब विभाग ने अपना पूरा धयान बच्चो को स्कूल लाने पर लगा दिया है।सरकार इसलिए भी चिंतिति है की अगर बड़ी कक्षाओं में उपस्तिथि काम होगी तो इसका असर 16 अगस्त से खुलने वाले छोटी कक्षाओं पर भी पड़ेगा।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सभी हेडमास्टरों व शिक्षकों के उत्सावर्द्धन की योजना बनायी है। यह जिम्मा जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपी गयी है। डीईओ अपनी टीम के साथ बीआरसी, सीआरसी, हेडमास्टर और सभी शिक्षकों के साथ इसको लेकर मंथन करेंगे। इस अभियान के तहत 11 अगस्त से लेकर 18 अगस्त तक बीआरसी-सीआरसी से लेकर राज्य मुख्यालय तक में मंथन होगा।

अपर मुख्य सचिव खुद 11 अगस्त को राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) एवं एसएसए के डीपीओ के साथ इस मसले पर जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन बैठक करेंगे। अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने सभी डीईओ को निर्देश दिया है कि वे 12 अगस्त को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बीआरसी व सीआरसी के साथ बैठक करें। 13 और 14 अगस्त को डीईओ माध्यमिक-उच्च माध्यमिक जबकि 16 से 18 अगस्त के बीच प्राथमिक व मध्य विद्यालय के हेडमास्टरों के