बिहार कांग्रेस के दिग्गज नेता, नौ बार विधायक और कई बार मंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह का बुधवार को निधन हो गया। दानापुर में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। वह कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। सदानंद सिंह के निधन से बिहार के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है।
सदानंद सिंह लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। बुधवार को उनके निधन की खबर फैलते ही शोक संदेशों की बाढ़ आ गई। बता दें कि काफी दिनों से पटना के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थे। उन्हें लिवर की समस्या थी। पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद विभिन्न दलों के नेताओं ने वहां जाकर उनसे मुलाकात की थी। सदानंद सिंह बिहार में कांग्रेस के सबसे बड़े जमीनी नेता थे। वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा वर्ष 2000 से 2005 तक बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे। करीब 10 साल कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद पर रहे। वह नौ बार विधायक रहे। भागलपुर जिले के कहलगांव विधानसभा क्षेत्र से लगातार चुनाव जीतते रहे। सदानंद सिंह कई बार मंत्री भी बने। वह बिहार सरकार में सिंचाई और ऊर्जा राज्यमंत्री रह चुके थे।
सदानंद सिंह के सभी दलों के नेताओं से काफी अच्छे संबंध थे। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक ट्वीट के जरिए सदानंद सिंह के निधन पर गहरा दु:ख जताया। उन्होंने लिखा कि आज मेरे पुराने साथी ने मेरा साथ छोड़ दिया। सदानंद बाबू हमें छोडकर चले गए। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और परिजनों को दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्री सदानंद सिंह जी के निधन पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ। उनका लंबा सामाजिक-राजनीतिक अनुभव रहा। वो एक कुशल राजनेता थे। ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ।
सदानंद सिंह के निधन पर द:ख जताते हुए बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार के सर्वमान्य नेता, कांग्रेस के योद्धा, मेरे पिता तुल्य सदानंद सिंह जी का आज स्वर्गवास हो गया। एक राजनीतिक युग का अवसान हुआ है। आपका हँसता हुआ चेहरा हमेशा याद आएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस असहनीय दुःखद घड़ी को सहने की शक्ति दे।