बीआईटी इंजीनियरिंग की छात्रा आकांक्षा ने अपने इनोवेटर पिता योगेश कुमार की मदद से डॉक्टर/स्वास्थ्य कर्मी को कोविड-19 की महामारी से बचाने की मुहिम में एक अनोखा मेडी रोबोट बनाया है। इसके पूर्व भी पिता-पुत्री की जोड़ी ने कोरोना से बचाव की मुहिम में अपने घर को कोरोना सुरक्षित घर बनाने के लिए कई अनोखे इनोवेटिव उपकरण बनाए हैं।

डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सुरक्षित रहेंगे तभी कोरोना काल में हमसब सुरक्षित रहेंगे। इसी सोच को अमलीजामा पहनाते हुए पटना की छात्रा ने अपने पिता के साथ मिलकर मेडी रोबो बनाया है। यह पहले से बने रोबोट से उन्नत किस्म का है। वर्तमान में विदेश में बने रोबोट की तुलना में यह कोविड मरीजों के उपचार में ज्यादा सक्षम है। 

बीआईटी इंजीनियरिंग की छात्रा आकांक्षा ने अपने इनोवेटर पिता योगेश कुमार की मदद से डॉक्टर/स्वास्थ्य कर्मी को कोविड-19 की महामारी से बचाने की मुहिम में एक अनोखा मेडी रोबोट बनाया है। इसके पूर्व भी पिता-पुत्री की जोड़ी ने कोरोना से बचाव की मुहिम में अपने घर को कोरोना सुरक्षित घर बनाने के लिए कई अनोखे इनोवेटिव उपकरण बनाए हैं। योगेश बताते हैं कि करोना काल में देश विदेश में बने रोबोट के बेसिक कार्य ट्रांसपोर्टेशन, सर्विलांस, कम्युनिकेशन और सेनेटाइजेशन का कार्य तो यह ‘मेडी रोबो’ करता ही है, इसके अलावा यह किसी भी मरीज, लाचार व्यक्ति का बेसिक मेडिकल एग्ज़ामिनेशन प्रामाणिकता के साथ दूर से और रियल टाइम डाटा के साथ करता है। 

उन्होंने बताया कि ज्यादातर डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी कोरोना से संक्रमित मरीज के इलाज के दौरान संक्रमित हुए हैं। जब हमें बचाने वाले ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो हम कैसे सुरक्षित रहेंगे। देश में प्रतिदिन स्वास्थ्य कर्मियों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मैंने अपनी बेटी आकांक्षा के साथ विचार-विमर्श कर एक ऐसे रोबोट बनाने की निर्णय लिया, जो बिना डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी के संक्रमित व्यक्ति के पास गए ही उनको दवा, खाना, पानी इत्यादि पहुंचा सके, साथ ही उनका बेसिक स्वास्थ परीक्षण कर सके। बेसिक रोबोट का प्रोटोटाइप इन्होंने पहले लॉकडाउन में ही बना लिया था। पर इस ‘मेडी रोबो’ को तकनीकी रूप से इतना समृद्ध और उपयोगी बनाने में समय लगा। इसके वर्तमान स्वरूप और कार्य को देख, आपको यह विश्वास ही नहीं होगा कि एक घर में माइक्रो कंट्रोलर तथा र्कोंडग की सहायता से यह अत्याधुनिक मल्टी परपस रोबोट बना है। इस रोबोट को बनाने में 3 महीने और करीब एक लाख का खर्च आया है।

हाई रेज्यूलेशन कैमरा लगा है 
रोबोट में हाई रेज्यूलेशन नाईट विजन कैमरा लगा है जो 360 डिग्री घूम कर सर्विलांस का काम करता है। साथ ही यह कैमरा डॉक्टर और मरीज के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा संवाद भी स्थापित करने में उपयोगी है। यह रोबोट कम और संकरी जगह पर भी आसानी से काम करता है। इसमें इमरजेंसी में उपयोग के लिए ऑक्सीजन, प्राण रक्षक दवा और नेब्यूलाइज़र की भी व्यवस्था है। केमिकल तथा यूवी लाइट द्वारा यह सेनेटाइजेशन का काम भी करता है। 

कई स्तर पर कई लोगों ने की मदद
इस जटिल रोबोट की परिकल्पना से लेकर मूर्त रूप तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इलेक्ट्रॉनिक इंजीनिर्यंरग के फाइनल ईयर की स्टूडेंट आकांक्षा बताती है कि कैबिनेट मंत्री, रवि शंकर प्रसाद, संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना की डॉक्टर अपूर्वा और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशान्त जैसे कई डॉक्टरों ने कई सुझाव दिये और इसकी सराहना की।