HIGH COURT PATNA
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हाल ही में बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा राज्य के सभी ज़िला अधिकारियों संग मीटिंग की। मीटिंग का मुख्या उद्देश्य बिहार के सभी जिलों का कोरोना वायरस से निपटान कार्य और मौजूदा स्थिति की जानकारी प्राप्त करना था। कोरोना के घटते संक्रमण को देख सरकार लोगों के लिए अनलॉक-5 के अंतर्गत ढील देने का विचार कर रही है, जिसके अंतर्गत कुछ नए नियम-कानून व बदलाव भी किये जायेंगे। राज्य में फिलहाल टीकाकरण कार्य प्रगति पर है या नहीं उसका ब्यौरा का निरक्षण कर रही है सरकार और फिर तब जाकर अनलॉक-5 की अंतिम योजना पर 4 से 5 अगस्त तक आपदा प्रबंधन समूह की बैठ में अंतिम फैसला लिया जाएगा।

जिला अधिकारीयों द्वारा हर इलाके की मौजूदा स्थिति का विस्तार जानकारी दी गई, जिसके अंतर्गत यह पता चला की बिहार के कई जिलों में अब कोरोना संक्रमित के मामले काफ़ी कम हो गए है। अधिकारीयों ने बताया कि कोरोना टेस्टिंग की संख्या भी बधाई गयी है जिससे संक्रमित की गिनती में तेज़ी आयी है। कुछ जिलों में कोरोना टीकाकरण भी काफ़ी फुर्ती से की जा रही है। बहरहाल, बिहार में अब कोरोना के पॉजिटिव केसेस काफ़ी कम होते जा रहे है अंतत मौजूदा स्थिति नियंत्रण में है। अनलॉक के अगले चरण का सबसे प्रमुख फ़ैसला मंदिर और मस्जिद खुलने चाहिए या नहीं इसपर की जाएगी, जिसके साथ ही जिम और सिनेमा हॉल के खुलने की योजना पर भी राय विमर्श की जाएगी। फिलहाल अभी सावन का वक़्त है और सभी जानते है कि इस बिच मंदिरो में भीड़ ज़्यादा उमड़ती है, लिहाज़ा सरकार अभी भी मंदिर खोलने में जिझक रही है।

इसी के साथ कोरोना की तीसरी लहर के आगमन पर भी सरकार डरी हुई है। जहाँ अगस्त तक कोरोना टीकाकरण कार्य में 43 लाख लोगों को टिका लगवाने का सरकार ने योजना बनाई थी उसमे भी देरी हुई है। कई टीकाकरण केंद्र पिछले कई दिनों से टिका की उपलब्धि ना होने के कारण बंद पाई गई। इतना ही नहीं बल्कि अस्पतालों में भी तीसरे लहर को लेकर व्यवस्था बदली जा रही है। कोरोना के दूसरे लहर से सबक सिख कर सरकार हर अस्पतालों में अधिकतम बेड्स और ऑक्सीजन सप्लाई की कमी न हो इसकी संभव कोशिश में लगी है।

इसी के साथ आपको बता दें की हाल ही में पटना हाई कोर्ट में महामारी को लेकर सुनवाई की गयी थी, उस लोकहित याचिका में कोर्ट ने 9 अगस्त से पहले सरकार को कोरोना के तीसरे लहर के लड़ाई को लेकर कार्य प्रगति का डेटा दिखाने की मांग की। कोर्ट ने राज्य सरकार से ज़िला व राज्य स्तर तक के अस्पताल की व्यवस्था और वहाँ के मरीज़ो को दी जाने वाली सुविधाओं का ब्यौरा माँगा है। और साथ ही ये भी सुनिश्चित करने को कहा है की सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन और कोरोना की दवाओं की आपूर्ति पूर्ण तरीके से हो।